द लीडर | लखनऊ कांग्रेस मुख्यालय में कार्यक्रम में कुछ लोगों ने कांग्रेस के स्टार प्रचारक कन्हैया कुमार और उनके समर्थकों पर केमिकल फेंका. अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये केमिकल क्या था? हालांकि इससे कन्हैया और उनके समर्थकों का कहना है कि इससे चेहरे और शरीर जलन महसूस हो रही है. केमिकल फेंकने वाले देवांश वाजपेयी को लोगों ने पकड़ लिया. उसने कहा कि कन्हैया देशद्रोही है. इसका प्रोग्राम लखनऊ में क्यों होना चाहिए। जो देश का नही, वो हमारा कैसे हो सकता है.
कांग्रेस का आरोप- ये काम एबीवीपी का
कांग्रेसियों का आरोप है कि ये काम एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का है। वो कांग्रेस के कार्यक्रम को नहीं होने देना चाहते. वे नहीं चाहते कि लोकतांत्रिक ढंग से कोई अपनी बात रखे. कन्हैया कहीं लोगों के बीच हीराे न बन जाए, इससे ये डरे हुए थे.
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बीजेपी का पलटवार
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके कार्यक्रम की कुर्सियां खाली थीं, इससे ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेसियों ने ही ये प्रपंच रचा है. बता दें कि मोदी सरकार के कट्टर आलोचक रहे कन्हैया कुमार हाल ही में सीपीआई छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. कन्हैया पर बीजेपी शुरू से ही राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाते रही है. जेएनयू में लगे देशविरोधी नारे को लेकर वो हमेशा से भगवा दल के निशाने पर रहे हैं.
जनता का आशीर्वाद मंजूर होगा- कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार ने कहा, जनता का जो भी आशीर्वाद होगा वो मंजूर होगा. उन्होंने कहा, प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में यह चुनाव अब बड़ा होने जा रहा है. उन्होंने कहा, हाथरस, लखमीपुर, उन्नाव का कांड हुआ तबसे कांग्रेस सड़क पर है. जो देश बनाए ही नहीं वह देश बेच रहे हैं, कांग्रेस ने देश बनाया है इसलिए कांग्रेस बचा रही है.
कांग्रेस के यूथ लीडर कन्हैया कुमार
लखनऊ में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए डोर टू डोर प्रचार करने पहुंचे थे. वे मंगलवार को लखनऊ की गलियों में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए हाथ जोड़कर वोट मांगते नजर आए. इस दौरान बातचीत में बताया कि कांग्रेस शुरुआत से ही जनता के साथ रोड पर है बाकी सब वर्चुअल कर रहे हैं.
कांग्रेस में नए नेता हो रहे शामिल
कांग्रेस के नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने के सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहा, कुछ नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं, क्योंकि वह पुराने हो रहे हैं. अब कांग्रेस नई हो रही है. हम जैसे लोग आगे आ रहे है. कांग्रेस इस बार दिखा देखी और मोदी योगी को उखाड़ फेंकेगी.
यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में राजनीतिक गतिविधियां चरम पर है. सभी दलों की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाने की कोशिश की जाए. वहीं स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए चुनाव आयोग भी पूरी कोशिश में जुटी हुई है. राज्य में सात चरणों में वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.