West Bengal politics : कभी दुलारे रहे शुभेंदु अधिकारी पर CM ममता का पहला वार, कराई चोरी की FIR

द लीडर हिंदी : पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी के कभी दुलारे रहे शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर भाजपा (BJP) ज्वाइन कर ली थी. नंदीग्राम सीट से ममता के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें हरा दिया था.

चुनाव में मिली हार के बाद CM ममता बनर्जी ने बीजेपी के शुभेंदु पर पहला प्रहार आखिरकार कर ही दिया है. शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई सोमेंदु के खिलाफ चोरी की FIR दर्ज कराई गई है. उन पर नगरपालिका से राहत सामग्री चुराने का आरोप लगा है.

एक जून को कांठी पुलिस स्टेशन में वहां के नगरपालिका प्रशासनिक बोर्ड के मेंबर रत्नदीप मन्ना ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, इसमें उन्होंने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई सोमेंदु अधिकारी के खिलाफ चोरी के आरोप लगाए थे. बता दें कि कांठी नगर पालिका में सोमेंदु पूर्व म्यूनिसिपल चीफ रह चुके हैं.

पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया है कि शुभेंदु एवं उनके भाई सोमेंदु के कहने पर 29 मई की दोपहर करीब 12.30 बजे जबरन नगर पालिका

कार्यालय के गोदाम का ताला खोला गया. फिर करीब एक लाख की कीमत का सरकारी त्रिपाल चोरी कर लिया गया. आरोप है कि चोरी के दौरान भाजपा नेताओं ने केंद्रीय सुरक्षा बल का भी उपयोग किया गया.

शुभेंदु के एक करीबी पर भी कार्रवाई

चुनाव के बाद रंजिशन कार्रवाई का सिलसिला यही तक सीमित नहीं है. कोलकाता पुलिस ने धोखाधड़ी के दो साल पुराने एक मामले में शुभेंदु अधिकारी के करीबी राखल बेरा को भी गिरफ्तार कर लिया है. उस पर आरोप है कि उसने 2019 में सिंचाई और जलमार्ग मंत्रालय में एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने का झांसा देकर दो लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी.

1956 वोटों से सीएम ममता को दी थी मात

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार पूरे देश की निगाह नंदीग्राम सीट पर रही थी, क्योंकि इस सीट से भाजपा के टिकट पर शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. चुनाव में शुभेंदु ने सीएम ममता बनर्जी को 1956 वोटों से हरा दिया था.

पहली बार मुख्य विपक्षी पार्टी बन सकी भाजपा

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कुल 292 सीटों में से 213 सीटें टीएमसी को मिली थी. तीसरी बार ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनाई गई, लेकिन नंदीग्राम सीट से वह चुनाव हार गई. चुनाव में भाजपा को 77 सीटें मिली. कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन का खाता तक नहीं खुल पाया. जिसके चलते पहली बार पश्चिम बंगाल में भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है.

चुनाव परिणाम के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद जमकर हिंसा हुई हुई थी. ममता बनर्जी की हार के बाद शुभेंदु की कार पर पथराव भी किया गया था. आरोप था कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाजपा के कार्यालयों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया. कई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या भी कर दी गई. बंगाल में हिंसा के बाद केंद्र ने शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी को वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराई है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता है शुभेंदु

नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी विधानसभा में विपक्ष के नेता चुने गए है. ऐसे में उन पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बंगाल की राजनीति में हलचल बढ़ गई है. भाजपा ने इसे चुनाव में ममता की हार की खीज निकालने वाली कार्रवाई करार दिया है.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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