मनमीत, देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में 7 फरवरी को आई भीषण आपदा में लापता लोगों के परिजनों के लिये दुखद खबर है. राज्य सरकार ने अभी तक लापता सभी लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए केंद्र से मिले दिशानिर्देशों पर अधिसूचना जारी कर दी है. गुमशुदा लोगों की तीन श्रेणियां बनाकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की कार्रवाई की जाएगी.
अधिसूचना के अनुसार, 30 दिन के भीतर दावों और आपत्तियों का समाधान किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के परगना मजिस्ट्रेट या उप जिलाधिकारी को अभिहित अधिकारी और जिलाधिकारी को अपीलीय अधिकारी नामित किया गया है. 7 फरवरी से अभी तक चले रेस्क्यू अभियान में 204 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी, जिसमें 68 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं.
और 39 शवों की शिनाख्त हो चुकी है. इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ 136 लोगों की तलाश कर रही है. टनल के साथ अन्य क्षेत्रों पर राहत-बचाव अभियान चल रहा है.
लापता लोगों की होगी तीन श्रेणी
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार चमोली आपदा में लापता लोगों के तीन श्रेणियों में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसमें पहली श्रेणी आपदा प्रभावित क्षेत्र के स्थायी निवासी, दूसरी श्रेणी प्रदेश के अन्य जिलों के निवासी जो आपदा के समय प्रभावित क्षेत्र में थे. तीसरी श्रेणी में दूसरे राज्यों के पर्यटक या लोग शामिल हैं.
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आपदा में लापता लोगों के परिजनों या अन्य उत्तराधिकारी की ओर से नोटरी शपथ पत्र के साथ निवास के मूल जनपद में लापता होने या मृत्यु होने प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.
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यदि इस तरह की रिपोर्ट आपदा प्रभावित क्षेत्र में पूर्व से ही पंजीकृत की गई है तो अभिहित अधिकारी एसडीएम की ओर से रिपोर्ट को जांच के लिए लापता व्यक्ति के मूल जनपद के एसडीएम को भेजी जाएगी.
वहीं, दूसरे राज्यों के लापता लोगों के परिजनों की ओर से अपने राज्य में घटना के 15 दिन के भीतर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. साथ ही लापता व्यक्ति सात फरवरी से पहले प्रभावित क्षेत्र की यात्रा पर रहा है.
समस्त दस्तावेजों की जांच और आपत्तियों का समाधान करने के बाद प्रभावित क्षेत्र के अभिहित अधिकारी एसडीएम की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे.
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