सपा का गंभीर आरोप, ‘पुलिस को जिला पंचायत अध्यक्ष का ठेका देकर अपहरण पर लगाया’

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District Panchayat President Election Police
फिरोजाबाद में ईंट भट्टे पर पहुंचे प्रशासनिक टीम-फाइल फोटो, साभार ट्वीटर.

द लीडर : उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच घमासान तेज हो गया है. सपा का आरोप है कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. और पार्टी के निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को डरा-धमकाकर अपने पक्ष में वोट डालने को मजबूर कर रही है. पार्टी ने फिरोजाबाद के बाद शनिवार को बागपत की घटना का वीडियो साझा किया. और पुलिस पर पार्टी के सदस्य के अपहरण का गंभीर आरोप लगाया है.

बागपत में जिला पंचायत सदस्य के पक्ष में धरने पर बैठे सपाई.

समाजवादी पार्टी के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर बागपत का एक वीडियो जारी किया गया है. इसमें पुलिस कुछ लोगों को पकड़ती नजर आती है. इस घटना को लेकर सपा ने सरकार पर निशाना साधा है. इस आरोप के साथ कि, ‘लोकतंत्र की हत्यारी BJP सरकार ने पुलिस को “जिला पंचायत अध्यक्ष” का “ठेका” देते हुए अपहरण, अत्याचार पर लगाया हुआ है! बागपत में सपा के संख्या बल के आगे हारी BJP ने पुलिस के जरिए सपा जिला पंचायत सदस्य का अपहरण करा लिया. घोर निंदनीय!’

हालांकि सपा के इस आरोप पर बागपत पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी किया है. जिसमें कहा है कि पहले से पंजीकृत एक मामले में तीन लोगों को पकड़ा गया है, जो आरोपी हैं. और इसमें कोई भी व्यक्ति जिला पंचायत का सदस्य नहीं है.


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यूपी में 15 जून से 3 जुलाई के बीच 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव होने हैं. अधिसूचना जारी हो चुकी है. राज्य के 3050 निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे. इसमें 27 अध्यक्ष पद अनारक्षित वर्ग के लिए हैं. 6 पद महिलाओं के लिए रिजर्व हैं. जबकि अनुसूचित जाति के लिए 16 पद आरक्षित हैं. ओबीसी के लिए 20 और ओबीसी महिला वर्ग के लिए 6 पद आरक्षित हैं.

अध्यक्ष पद के लिए भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है. वो इसलिए क्योंकि पंचायत चुनाव में सपा का प्रदर्शन अच्छा रहा है, जिससे वो जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सबसे मजबूती का दावा कर रही है. दूसरी ओर भाजपा इस चुनाव में ज्यादा से ज्यादा अध्यक्ष पद जीतना चाहती है. यही वजह है कि दोनों प्रमुख दल आमने सामने हैं.

इससे पहले 13 जून को सपा ने फिरोजाबाद के जिला पंचायत सदस्य झब्बू यादव के ईंट भट्टे पर प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे. और अपने सदस्यों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर तमाम प्रश्न उठाए. अखिलेश यादव ने कहा कि ‘भाजपा नेतृत्व सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके हमारी पार्टी के निवार्चित सदस्यों को डरा धमकाकर अपने पक्ष में करना चाहता है. औरैया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, एटा, हापुड़, सिद्धार्थनगर, रामपुर, गोरखपुर, फर्रुखाबाद समेत अन्य जिलों में सत्ता दल खुलकर सपा के चुने हुए जिला पंचायत सदस्यों और समर्थित सदस्यों को उत्पीड़न का शिकार बना रहा है.’


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उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों के परिवार वालों को भी परेशान किये जाने का आरोप लगाया है. ये कहते हुए कि इस पूरे मामले में पुलिस महानिदेशक से शिकायत की जा चुकी है. पार्टी ने इस संबंध में एक प्रेस नोट भी जारी किया. जिसमें एक विधायक पर गोरखपुर में क्षेत्र पंचायत सदस्य के पुत्र का अपहरण किए जाने का आरोप है. हालांकि भाजपा ने सपा के इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

 

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