Bihar : MLC के 5, MP के 2 लोगों को नौकरी, रिश्वतखोरी के आरोप में रद 780 नियुक्तियां 24 घंटे में बहाल, तेजस्वी ने लिया आड़े हाथ

0
259
Bihar news Tejashwi Yadav Muzaffarpur Health news 780 Appointments Restored
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव.

द लीडर : बिहार के ‘सुशासन’ का जो शोर देश में है. अपने ही सूबे में उसका हश्र खराब है. मिसाल के तौर पर मुजफ्फरपुर स्वास्थ्य विभाग में 780 पदों पर भर्ती का ताजा विवाद देख लीजिए. अंदाजा हो जाएगा कि रिश्वतोखरी और भ्रष्टाचार के मकड़जाल में CM नीतीश कुमार का ‘सुशासन’, किस कदर जकड़ा है. उस पर शासन का करम देखिए. जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर डीएम नियुक्तियां रद कर देते हैं. लेकिन राजनीतिक दबाव में 24 घंटे के अंदर ही इनकी बहाली हो जाती है. इसे भी पढ़ें – दक्षता किनारे, रिश्वत के दम पर बांट दीं 780 नौकरियां-तेजस्वी बोले ‘बिहार में कतई सुशासन नहीं’

इसको लेकर नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस बीच मुजफ़्फरपुर के सिविल सर्जन का एक वीडियो सामने आया है. जिसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने साझा किया है. वीडियो में सिविल सर्जन ये कहते सुने जा रहे हैं कि हमने एमएलसी दिनेश सिंह के 5 और सांसद वीणा सिंह के 2 लोगों को एएनएम पदों पर रखा है. लेकिन हम पार्टी के जिलाध्यक्ष के 5 आदमी नहीं रख पाए. इसीलिए उन्होंने अस्पताल के एक कर्मचारी के साथ मिलकर ये ऑडियो तैयार किया और उसे वायरल करवा दिया.

780 पदों पर ये नियुक्तियां अनुबंध पर हुई थीं, और उन्हें दैनिक भुगतान किया जाना है. सर्जन कहते हैं कि एएनएम को प्रतिदिन 1000 रुपये दिया जाना है. बहरहाल, अब ये रद नियुक्तियां फिर से बहाल हो गई हैं.


इसे भी पढ़ें – Bihar Politics : जेपी आंदोलन से उभरे एक ऐसे नेता, जिन्होंने कभी घुटने नहीं टेके


 

लेकिन इस पूरे मामले ने राज्य की भर्ती प्रक्रिया की असलियत सामने रख दी है. जिसको लेकर आरजेडी ने कहा-, ‘ये है बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था! जिसे मन चाहे घूस लेकर या NDA नेताओं के दबाव, भाई भतीजावाद के बल पर रख लो. बिना बताए छुपा-छुपा कर बहाल करो. जब मन करे हटा दो! दबाव बने तो फिर से बहाल कर दो! लोग दयनीय स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण मर रहे हैं. पर NDA वाले अपने ही निराले खेल-खेल रहे हैं!’

ये हाल उस बिहार का है, जहां के 78 प्रतिशत स्नातक और परास्नातक की डिग्री वाले युवा बेरोजगार हैं. रोजगार राज्य का प्रमुख मुद्​दा है, जो पिछले साल विधानसभा चुनावों में पूरे जोर-शोर के साथ गूंजा था. लेकिन चुनाव के बाद नौकरियां का मसला ठंडा पड़ गया है. जिसे आरजेडी ताकत के साथ उठाने का काम करती नजर आ रही है.


इसे भी पढ़ें -क्या RJD ने 16 साल के ‘सुशासन’ के आवरण से हटा दी झीनी चुनरी, जो दिखने लगे बदहाली के दाग


 

मुजफ्फरपुर के घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने कहा-’15 दिन में नीतीश कुमार के तीन क्रांतिकारी निर्णय. कृपया खुद देखें और पढ़ें. नौकरी के लिए दीवार पर इश्तेहार चिपकाया. बिना आवेदन, तारीख और योग्यता के, पैसे लेकर 780 लोगों की नियुक्तियां कीं. मामला उजागर होने पर 15 दिन बाद बहाली रद्द कर दी गयी. एक दिन बाद फिर उन्हें दोबारा बहाल कर दिया गया।’

इस मामले में अब तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जबकि विपक्ष इस मुद्​दे पर मोर्चा खोले हुए है. इसलिए भी क्योंकि आरजेडी ने पूरा चुनाव ही बेरोजगारी और रोजगार के मुद्​दा पर लड़ा था. और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here