Iran Presidential Election 2021: ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गए इब्राहिम रईसी, नतीजे घोषित

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द लीडर हिंदी : Iran Presidential Election: ईरान के न्याय पालिका प्रमुख और कट्टर रुढ़िवादी इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. वह अगस्त में मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी से पदभार ग्रहण करेंगे.

एएफपी एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के अंतिम परिणाम का ईरान के गृहमंत्री अब्दुलरजा रहमानी फजली ने ऐलान कर दिया है. इसमें इब्राहिम रईसी को विजेता घोषित किया गया है.

रुहानी ने बिना नाम लिए दी बधाई

ईरान के मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि “मैं लोगों को उनकी पसंद के लिए बधाई देता हूं”.

वहीं, चुनाव परिणाम आने से पहले ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अलावा उनके तीनों विरोधियों ने हार स्वीकार कर ली थी और उन्हें जीत की बधाई भी दी थी.

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जारी होते ही इब्राहिम रईसी ने अपनी जीत के लिए ईरान के नागरिकों का धन्यवाद किया. साथ ही सबकी उम्मीदों पर खरा उतरने का वादा किया.

ईरान के चुनाव मुख्यालय प्रमुख जमाल ओर्फ ने बताया कि रईसी ने चुनाव में करीब 1 करोड़ 78 लाख मत हासिल किए हैं. चुनाव में एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती काफी पिछड़ गए.

उन्हें महज 24 लाख वोट मिले. जबकि पूर्व रेवॉल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई को 33 लाख और एक अन्य उम्मीदवार आमिरहुसैन गाजीजादा हाशमी को 10 लाख मत मिले हैं.

समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए शुक्रवार को चुनाव हुए थे. इसमें चार उम्मीदवार मैदान में थे. इस बार ईरान के चुनावी इतिहास में पहली बार मतदान का स्तर गिरकर करीब 48 फीसद पर पहुंच गया.

दरअसल, चुनाव में मतदान का प्रतिशत गिरने की एक वजह राईसी की उम्मीदवारी को भी माना जा रहा है. उनकी कट्टर वादी सोच के चलते इस बार ईरान के अधिकांश लोग चुनाव से दूरी बनाए रहे.

वही, पूर्व कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद सहित कई लोगों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान भी किया था. इसका असर मतदान पर साफ नजर आया.

ख़ामनेई के राजनीतिक वारिस!

वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित ख़बर की माने तो रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामनेई का संभावित राजनीतिक वारिस माना जा रहा है.

दरअसल, ख़ामनेई की उम्र करीब 82 साल हो चुकी हैं. ऐसे में अब उनके संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर रईसी को देखा जा रहा है.

बता दें कि ईरान में सुप्रीम लीडर का पद सबसे बड़ा होता है, जबकि राष्ट्रपति का पद दूसरे नंबर पर आता है. चुनाव के दौरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनी का समर्थन प्राप्त था.

चुनाव से पहले रईसी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे उम्मीदवार को खामनेई ने अयोग्य करार दे दिया था. जिससे रईसी आसानी से राष्ट्रपति के चुनाव में जीत गए.

साल 2017 में इब्राहिम रईसी ने मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी के ख़िलाफ चुनाव लड़ा था. इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद रईसी को 2019 में सुप्रीम लीडर ख़ामनेई ने न्यायपालिका के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंप दी थी.

कौन है इब्राहिम रईसी

हुज्जत-उल-इस्लाम सैय्यद इब्राहिम रईसी का जन्म 14 दिसंबर 1960 को उत्तर पूर्वी ईरान के मशहद में हुआ. वह मशहद में आठवें शिया इमाम अली रज़ा की मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था आस्ताने क़ुद्स रज़ावी में संरक्षक थे.

यह ईरान की सबसे समृद्ध संस्थाओं में से एक है. हमेशा सिर पर काली पगड़ी बांधने वाले रईसी के बारे में कहा जाता है कि वह सैय्यद हैं और पैगंबर-ए-इस्लाम के वंशज हैं. रईसी को कट्टरपंथी विचारधारा को मानने वाला माना जाता है.

रईसी सुप्रीम लीडर का चुनाव करने वाली काउंसिल ऑफ़ एक्सपर्ट के सदस्य और फिर चेयरमैन भी रह चुके हैं. वह खामनेई के कट्टर समर्थक और बेहद करीबी बताए जाते हैं.

सामूहिक मृत्युदंड का फैसला सुनाने वाली स्पेशल कमीशन के थे सदस्य

साल 1988 में तेहरान इस्लामिक रिवोल्यूशन कोर्ट की चार सदस्यीय स्पेशल कमीशन ने कथित तौर पर बड़े पैमाने पर वामपंथी नेताओं, राजनीतिक क़ैदियों और असंतुष्टों को सामूहिक रूप से मृत्युदंड का फ़ैसला सुनाया था.

रईसी इस कमीशन के सदस्य थे. साल 2019 में अमेरिका ने रईसी समेत आठ अन्य लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका के मुताबिक, उन्होंने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया था.

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