यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा लीक मामला: योगी सरकार का बड़ा एक्शन, भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को पद से हटाया

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द लीडर हिंदी : यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा लीक मामले में योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को पद से हटा दिया है. उनकी जगह अब आईपीएस राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी मिली है. बता दें पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर सरकार ने प्रतीक्षा में डाल दिया है.वही 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को अब भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल गई है.यूपी में 60 हजार से ज्यादा सिपाही भर्ती में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे. पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी. जिसके बाद यूपी सरकार ने मंगलवार को पुलिस भर्ती बोर्ड की डीजी रेणुका मिश्रा को हटाने का फैसला किया.उनको फिलहाल वेटिंग में रखा गया है.

DG राजीव कृष्णा को निदेशक सतर्कता अधिष्ठान के साथ DG भर्ती बोर्ड का अतिरक्‍त चार्ज सौंपा गया है.वही इससे पहले, शासन ने आरओ-एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने के बाद यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को पद से हटा दिया था. उन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है.

आईपीएस रेणुका मिश्रा कौन है?
बतादें आईपीएस रेणुका मिश्रा 1990 बैच की अफसर है. भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनने से पहले रेणुका डीजीपी के रेस में शामिल थी. उन्हें साल 2005 में डीआईजी, 2010 में आईजी, 2014 में एडीजी और 2021 में डीजी पद पर प्रमोट किया गया था. उन्हें 26 जनवरी 2023 को DGs COMMENDATION DISC PLATINUM पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

आईपीएस राजीव कृष्ण कौन है ?
आपको बता दें आईपीएस राजीव कृष्ण 1991 बैच के अधिकारी है. इस समय वह डीजी विजिलेंस के पद पर कार्य कर रहे है.वही योगी सरकार ने अब इनको यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड का अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी है. आईपीएस राजीव कृष्ण की चर्चा 2004 में आगरा में बतौर एसएसपी तैनाती को लेकर खूब होती है. आगरा एसएसपी के तौर पर उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था. उन्होंने बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की थी.

जानिए परीक्षा कब हुई थी निरस्त
पिछले कुछ दिनों में पेपर लीक मामले की खबर आ रही थी.वही उत्तर प्रदेश में 60,000 से ज्यादा कांस्टेबल भर्ती पदों के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने 17 और 18 फरवरी को भाग लिया था. पेपर लीक होने के बाद सरकार ने परीक्षा दोबार कराने के आदेश दिये.वही 23 फरवरी को परीक्षा रद्द कर दी गई थी.

यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आरोपी
यूपी के सभी 75 जिलों में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा 17 व 18 फरवरी को आयोजित की गई थी. इस परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. बाद में यूपी सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया था. साथ ही छह माह में इसे फिर से कराने के निर्देश जारी किए गए थे.

वही सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा में पेपर लीक को लेकर यूपी एसटीएफ ने दो मार्च को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ को इनके पास से प्रवेश पत्र व अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं.बता दें गिरफ्तार किए गए अरोपियों में प्रयागराज का अजय सिंह और सोनू सिंह यादव शामिल हैं.

-police-recruitment-सरकार का आदेश, 6 महीने के अंदर होगी फिर परीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा निरस्त करते हुए कहा था कि आने वाले 6 महीनों में एग्जाम फिर आयोजित करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.