चारों धामों में लौटी रौनक : कोरोना के बीच यात्रा ने पकड़ी रफ्तार, अब तक जारी हुए 42 हजार से ज्यादा ई-पास

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द लीडर। कोरोना काल के बीच उत्तराखंड में शनिवार से शुरू हुई चारधाम यात्रा अब जोर पकड़ने लगी है. बता दें कि, देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, चारों धामों में यात्रा शुरू होने के शुरुआती दो दिन में ढाई हजार से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं. वहीं अब तक देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से चारों धामों के लिए अभी तक 42 हजार से अधिक ई-पास जारी हो चुके हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा के सफलतापूर्वक शुरू होने पर खुशी जाहिर की है.

यात्रा के पहले दिन इतने श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

बता दें कि, यात्रा के पहले दिन शनिवार को 1273 और रविवार को 1267 श्रदालुओं ने बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री धामों के दर्शन किए. गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब/लोकपाल तीर्थ में भी रविवार को 72 श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचे. नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार 16 सितंबर को चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला दिया. इसके बाद प्रदेश सरकार ने 18 सितंबर से चारधाम यात्रा को हरी झंडी दे दी. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार, चारधाम यात्रा से उत्तराखंड पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. धर्मस्व सचिव एचसी सेमवाल ने कहा कि यात्रा के दौरान कोविड एसओपी का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है.


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गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि आज श्री बदरीनाथ धाम के लिए 1645, श्री केदारनाथ 2160, श्री गंगोत्री 788 तथा यमुनोत्री हेतु 598 ई पास जारी हुए। दो दिन में कुल 42 हजार से अधिक ई पास जारी हुए।

धामों के लिए अब तक जारी हुए ई-पास

बदरीनाथ धाम – 9989 ई-पास
केदारनाथ धाम- 18934 ई-पास
गंगोत्री धाम- 4727 ई-पास
यमुनोत्री धाम- 4361 ई-पास

केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए एडवांस बुकिंग फुल

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद ही केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए एडवांस बुकिंग फुल हो गई है. यही नहीं अगले 12 दिन तक केदारनाथ दर्शन के लिए वेटिंग चल रही है. बाबा केदार के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रद्धालुओं के लिए शनिवार को 10 हजार ई पास जारी किए गए हैं. बता दें कि, कोरोना गाइडलाइन के तहत केदारधाम में प्रतिदिन केवल 800 लोगों को ही जाने की अनुमति है. इस हिसाब से अब रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रद्धालुओं को आने वाले 12 दिन तक इंतजार करना होगा.


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इन मंदिरों में भी पहुंच रहे हैं तीर्थ यात्री

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि, चार धाम के अलावा द्वितीय केदार रूद्रनाथ, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रूद्रनाथ और पंच बदरी योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी सुभाई (जोशीमठ) वृद्ध बदरी अणीमठ सहित देवस्थानम बोर्ड के अधीनस्थ मंदिरों में भी तीर्थ यात्री पहुंचे हैं.

चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा

विधायक बदरीनाथ और उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य महेंद्र भट्ट, आशुतोष डिमरी, श्रीनिवास पोस्ती, महेंद्र शर्मा, कृपाराम सेमवाल, जेपी उनियाल, गोविंद सिंह पंवार, चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाई ने चार धाम यात्रा शुरू होने पर खुशी जताई है. चारधाम यात्रा के दौरान पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. मुनि की रेती, देवप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बड़कोट, रूद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, जोशीमठ, पांडुकेश्वर सहित चारों धामों के प्रवेश मार्गों पर पुलिस नजर रख रही है.


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अगर करनी है यात्रा तो ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन ?

एसओपी के तहत केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी गई है. चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड से बाहर के श्रद्धालुओं के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. और ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की साइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा करना होता है. उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.

चारधाम यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेन

बता दें कि, चारधाम यात्रा के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन ने शनिवार से स्पेशल ट्रेन शुरू कर दी है. ये ट्रेनें चार धाम बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम और द्वारकाधीश के लिए स्पेशल ट्रेन शुरू कर दी है. IRCTC ने अब देखो अपना देश चार धाम यात्रा शुरू की है. श्री रामायण यात्रा ट्रेन की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया है.

16 दिन और 15 रात की यात्रा

चार धाम की यात्रा 18 सितंबर 2021 को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू हो गई है. पूरी यात्रा 16 दिन और 15 रात की होगी और इसमें बद्रीनाथ, नरसिंह मंदिर (जोशीमठ), ऋषिकेश, माना गांव (चीन सीमा के पास), जगन्नाथपुरी, पुरी के गोल्डन बीच, कोणार्क मंदिर की यात्रा भी शामिल है. इसके अलावा धनुषकोडी, रामेश्वरम, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, चंद्रभागा समुद्र तट, बेट द्वारका, द्वारकाधीश और शिवराजपुर समुद्र तट की भी यात्रा कराई जाएगी. इस यात्रा के दौरान यात्री करीब 8500 किमी का सफर तय करेंगे.


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स्टेट ऑफ आर्ट डीलक्स AC टूरिस्ट ट्रेन में दो बेहतर डाइनिंग रेस्टोरेंट, एक मॉडर्न किचन, कोचों में शॉवर क्यूबिकल्स, सेंसर-आधारित वॉशरूम फंक्शन, फुट मसाजर समेत कई सुविधाएं मौजूद हैं. पूरी तरह से एसी ट्रेन दो कोच होंगे 1st एसी और 2nd एसी. ट्रेन में हर कोच के लिए CCTV कैमरों और सुरक्षा गार्ड की सुविधा है.

चार धाम का विशेष महत्व

चारधाम यात्रा का हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है. चारधाम यात्रा को एक धार्मिक यात्रा माना गया जिसमें हिन्दू धर्म के अनुयायी उत्तराखंड में बसे हुए चार तीर्थ स्थानों में दर्शनों हेतु जाते हैं. इन सभी धामों में हर साल चारधाम यात्रा केवल गर्मियों के महीनों में होती और शीतकाल में यहां सभी धामों के कपाट बंद रहते हैं. विश्व भर से लाखों श्रद्धालु चारों धामों के दर्शनों के लिए आते हैं. इन चारों धामों को बहुत ही पवित्र और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि, जो हिन्दू इन चारधाम की यात्रा करता है वह जीवन-मृत्यु के बंधन से छुट जाता है और उसे अंत में मुक्ति प्राप्त होती है. चारों धामों को पवित्र बताया गया है. बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का पवित्र धाम है. यहां इन्हें बद्री विशाल भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि, यहीं भगवान विष्णु ने नर-नारायण रूप में तपस्या की थी. केदारनाथ धाम भगवान शिव की भूमि है और यह पंचकेदारों में से एक है. गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पवित्र और जीवनदायिनी गंगा व यमुना नदी के उदगम स्थल हैं .


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कोरोना से प्रभावित हुई यात्रा, लोगों की टूटी कमर

कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर ने भी लोगों की कमर तोड़ कर रख दी थी. कोरोना से जहां लोगों की मौत हुई वहीं इससे लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी फर्क पड़ा है. वहीं उत्तराखंड की रीढ़ कहीं जाने वाली चारधाम यात्रा भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कोरोना ने सबसे ज्यादा प्रभाव रोज कमा कर खाने वाले लोगों पर डाला है. दूसरी ओर पर्यटन इलाकों भी कोरोना संक्रमण का असर देखने को मिला है. सैलानी न आने के कारण यहां का कारोबार भी ध्वस्त हो गया है. उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

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