बरेली में खुल गया क़त्ल का वो गहरा राज़ मामी के इश्क़ में गई मामा की जान

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यूपी के ज़िला बरेली में एक गांव से बड़े शहरों जैसी वारदात सामने आई है. तीन दिन पहले रलवे ट्रैक पर मिले शव का ऐसा राज़फ़ाश हुआ कि पुलिस भी हैरान रह गई. शव रामवीर का था और गांव के ही निकसुआ रेलवे फाटक के पास पटरी से मिला था. देखने से लग रहा था कि मरने वाले ने ख़ुद जान दी है लेकिन मृतक के भाई ने संदेह जताया कि भाई को मारा गया है. उसकी बात को संजीदगी से लेते हुए पुलिस ने जांच की तो जो राज़ खुला, वो होश उड़ा देने वाला है.

इसके बाद फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने मृतक की पत्नी आरती वर्मा को गिरफ़्तार कर लिया. उसके दूर के भांजे मानवेंद्र और उसके दौस्त सौरभ को भी उठा लिया गया. तीनों सख़्ती से पूछताछ करने पर टूट गए. साफ़ हो गया कि मानवेंद्र ने आरती के कहने पर रामवीर का क़त्ल किया था. कैसे किया था, अब आपको यह बताते हैं, सुनकर चौंके बग़ैर नहीं रह पाएंगे. पुलिस के मुताबिक़ आरती ने एक मोबाइल सिम जुगाड़ करके तिलहर से लिया और उसे मानवेंद्र को दे दिया. इसी सिम से मानवेंद्र ने रामवीर को कॉल की और उसे एंजॉय करने के बहाने टिसुआ बुला लिया. वहां उसे शराब पिलाई और उसके बाद उसे गल्थुआ फाटक पर ले आए. यहां और शराब पिलाई गई. जब रामवीर अधिक शराब पीने से बेहोश हो गया तो रात के अंधेरे में उसे मानवेंद्र और सौरभ ने उठाकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया. जब रामवीर ट्रेन से कट गया, तब तक दोनों वहीं रहे. उसके बाद वहां से चले गए.

जीआरपी ने ट्रैक पर शव की सूचना के बाद पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. यहां तक तो सब ठीक रहा. बाद में रामवीर के परिजनों ने सूचना मिलने पर उसकी शिनाख़्त भी कर ली लेकिन रामवीर के भाई अशोक के संदेह जताने पर पुलिस ने आत्महत्या मानकर फ़ाइल बंद नहीं की. तफ़्तीश की और सर्विलांस का सहारा लिया. तब तीन लोगों के बीच सीमित यह गहरा राज़ खुल गया. पता चल गया कि आरती के अपने दूर के भांजे मानवेंद्र से कक्षा नौ में पढ़ने के दौरान से प्रेम संबंध थे. 24 साल की आरती ने घरवालों के दबाव में रामवीर से विवाह तो कर लिया लेकिन मानवेंद्र को नहीं भूल पाई. उससे फोन पर बात करती रही. रामवीर ने ऐसा करते हुए उसे पकड़ लिया. तभी आरती ने उसे रास्ते से हटाने की प्लानिंग तैयार की. ख़ैर क़त्ल के दौरान क़ातिल कोई न कोई सुराग़ छोड़ ही जाता है. यह रामवीर क़त्ल केस से भी साबित हो गया.