गोरखपुर। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस कोटे से सहायक प्रोफेसर के पद पर हुई नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है. जिसके बाद कुलपति ने इस मामले में राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है.
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नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी
कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने बताया कि, नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी और साक्षात्कार की वीडियोग्राफी कराई गई थी. अरुण द्वारा प्रस्तुत किया गया ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र प्रशासन ने जारी किया है.
कोई अनियमितता पाई गई तो रद्द होगी नियुक्ति
अगर इसमें कोई अनियमितता पाई गई तो उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी. कुलपति ने कहा कि, नियुक्ति करते वक्त उन्हें यह नहीं मालूम था कि, अरुण प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई हैं.
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पिछले शुक्रवार अरुण ने ग्रहण किया पदभार
उन्हें सोशल मीडिया के जरिए यह मालूम हुआ कि, अरुण मंत्री के भाई हैं. उन्होंने बताया कि, अरुण कुमार ने पिछले शुक्रवार को विश्वविद्यालय में अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है.
मेरिट में दूसरे नंबर पर रहे अरुण
कुलपति का कहना है कि, मनोविज्ञान विभाग के इस पद के लिए लगभग 150 आवेदन आए थे. मेरिट के आधार पर 10 आवेदकों का चयन किया गया. जिनमें अरुण कुमार भी शामिल हैं.
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इन 10 आवेदकों का साक्षात्कार हुआ जिसमें अरुण का मेरिट में दूसरा स्थान रहा. साक्षात्कार, शैक्षणिक योग्यता तथा अन्य मदों के अंक जोड़ने पर अरुण पहले स्थान पर आ गए. इसलिए उनका चयन हुआ.
मंत्री ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. मंत्री ने कहा कि, उनकी और उनके भाई की आमदनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि, विश्वविद्यालय को चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनानी थी उसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है. फिर भी अगर किसी को कुछ गलत लगता है तो वह जांच के लिए तैयार हैं.
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विपक्ष ने की जांच की मांग
इस बीच, इटवा तहसील के उपजिलाधिकारी उत्कर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्री के भाई को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र तहसील से ही जारी किया गया है और अगर कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच की जाएगी.
लेखपाल छोटई प्रसाद ने बताया कि, मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी ने वर्ष 2019 में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई को गरीब कोटे से नियुक्ति दिए जाने के मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मामले में मंत्री सतीश द्विवेदी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.
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