विवादों के बीच रामदेव ने चुपके से हरियाणा को बेच दी एक लाख कोरोनिल किट

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द लीडर डेस्क

एलोपेथी डिक्टरों की खिल्ली उड़ाते हुए खुद को गर्व जे साथ बिना डिग्री का डिग्निटी और डिविनिटी वाला डॉक्टर कहने वाले रामदेव ने देश को आयुर्वेद और एलोपैथ की लड़ाई में उलझा कर इस बीच बड़ा सौदा कर किया। बाबा ने 50 परसेंट में अपने कोरिनिल किट हरियाणा सरकार को बेच दिए हैं। फार्मा इंडस्ट्री में प्रिंटेड रेट के 50 परसेंट पर सौदा मुनाफे का ही माना जाता है। हरियाणा सरकार इसे मुफ्त में लोगों को बांटेगी यानी जितनी रकम रामदेव को दी जाएगी उसकी दोगुनी रकम हरियाणा के राजकोष से जाएगी।
हरियाणा सरकार ने अपनी इस नई स्वास्थ्य योजना की घोषणा कर दी है। अब एक लाख कोरोना संक्रमितों को रामदेव की कंपनी पतंजलि की विवादित दवा कोरोनिल की किट बांटी जाएगी। राज्य के मंत्री अनिल विज ने सोमवार शाम को ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी। अनिल विज ने लिखा है कि- हरियाणा में कोविड मरीजों के बीच एक लाख पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएंगी। कोरोनिल का आधा खर्च पतंजलि ने और आधा हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष ने वहन किया है।

दिलचस्प है कि हरियाणा सरकार इस सौदे में बाबा की दरियादिली का प्रचार कर रही है और रिट्वीट में रामदेव भी इसे अपना फर्ज और धर्म जैसा बता कर अपनी ब्रैंडिंग कर रहे हैं और दूसरे राज्यों को भी ऐसा करने का संदेश दे रहे हैं। यह समझना जरूरी है कि कोरोनिल को डब्लू एच ओ ने मान्यता नहीं दी है और देश के डॉक्टर भी इस पर सवाल उठा रहे हैं।


इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी की जा रही है। इसी साल फरवरी महीने में रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में कोरोनिल को लॉन्च किया था। रामदेव ने दावा किया था कि यह कोरोना की पहली दवा है। इसके बाद इस पर काफी विवाद हुआ था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सवाल किया था कि एक डॉक्टर और एक स्वास्थ्य मंत्री कैसे देश में एक ‘अवैज्ञानिक’ प्रोडेक्ट को देश में बढ़ावा दे सकते हैं। जाहिर इसी वजह से रामदेव एलोपेथी और फार्मा इंडस्ट्री के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और एक के बाद एक विवादित बयान और ट्वीट्स के कारण चर्चा में बने हुए हैं। एक मीडिया चैनल पर रामदेव ने एक बहस भी प्रायोजित की इसमें भी कोरोनिल का ही प्रचार किया गया।
टीकों का अभाव
अन्य राज्यों की तरह हरियाणा में भी कोरोना के टीकों का अभाव है। यहां भी ग्लोबल टेंडर के जरिये वैक्सीन मंगवाने के प्रयास हो रहे हैं। हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। राज्य की भाजपा सरकार ने इसके लिए किसानों के आंदोलन में हिस्सा लेने को जिम्मेदार ठहराया है। राज्य के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की बैठकें सुपर स्प्रेडर की बराबर होती हैं। वहीं, सरकार ने अब कोरोनिल बांटने की योजना बनाई है।

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