ये बाबा है कि मानता नहीं: बोले रामदेव सोमवार से पोल खोलूंगा

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द लीडर देहरादून।

आपदा से जूझ रहे डॉक्टरों का उपहास उड़ाने में हद पार कर चुके रामदेव खुद को हज़ार नोबेल पुरस्कार का हकदार तक कह देते हैं फिर कहते हैं अब मौन से जवाब दूंगा और ताज़ा खबर ये है कि वह अब बहुत बोलने वाले हैं और सोमवार से फार्मा इंडस्ट्री की पोल खोलने वाले हैं।
योग शिविर में साधकों को योगासन कराते हुए रामदेव ने कहा है कि वह सोमवार से फार्मा कंपनियों की पोल खोलेंगे। उनकी जो मर्जी वो कर लें। रामदेव ने कहा कि दवा ही नहीं, टेस्ट और ऑपरेशन माफिया भी हैं, जो मरीजों को लूट रहे हैं। उनकी लड़ाई गलत काम करने वालों के खिलाफ है। वह अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर जेनेरिक दवाओं की लिस्ट डालेंगे, जो मात्र दो रुपये की बिकती हैं। वहीं ब्रांडेड कंपनियों की वही दवाएं कई गुना महंगी बिकती हैं।कुछ बुरे डाक्टर महंगी दवाएं ही मरीजों के पर्चे पर लिखते हैं। स्वामी रामदेव ने आरोप लगाया कि ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं लिखने वाले डॉक्टर कमीशन खाते हैं। जेनरिक दवाएं न लिखकर उसी साल्ट की महंगी दवाएं लिखते हैं। इनके इस खेल को बंद करवाने के लिए उन्होंने कोर्ट तक जाने की भी बात कही। रामदेव ने कहा कि कोरोना के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने वाला पेंट भी आ गया है। पेंट में आईएमए वालों को इम्यूनिटी दिखती है, लेकिन कोरोनिल और कपाल भाति में इम्यूनिटी नजर नहीं आती है।

कोरोनिल के खिलाफ आईएमए ने मोर्चा खोला

आइएमए ने पतंजलि की कोरोनिल को मुद्दा बना लिया है। कोरोना किट में कोरोनिल को शामिल करने के प्रस्ताव का आइएमए ने विरोध किया है। साथ ही मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस पर कड़ा एतराज जताया है।
आइएमए सचिव डॉ. अजय खन्ना ने कहा कि किसी भी मरीज पर मिक्सोपैथी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जिन मरीजों का इलाज एलोपैथी के जरिये किया जा रहा है, उन्हें आयुर्वेद की दवा कैसे दी जा सकती है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट रूलिंग है। कोरोना किट में कोरोनिल को शामिल किया जाता है तो सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जाएगी। डॉ. खन्ना ने कहा कि कोरोनिल को न विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोई मान्यता दी है और न आयुष विभाग ने कोरोना के उपचार की दवा माना है।
आइसीएमआर ने भी कोरोनिल का जिक्र कोरोना के इलाज के संबंध में नहीं किया था। यह बस एक फूड सप्लीमेंट है। उन्होंने कहा कि आइएमए आयुर्वेद एवं एलौपैथी की मिक्सोपैथी का पहले से ही विरोध करता रहा है। इसीलिए यदि सरकार कोरोना किट में कोरोनिल को शामिल करती है तो आइएमए इसका भी विरोध करेगा। उन्होंने ये भी बताया कि हरियाणा में इस तरह की कोशिश की गई थी, जो आइएमए के विरोध के बाद वापस ले ली गई।

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