द लीडर हिंदी, लखनऊ। अगर सब कुछ ठीक रहा हो तो जल्द ही पूर्वांचल के लोगों को एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिल जाएगा। इस एक्सप्रेस वे को सियासी तौर पर भी अहम बताया जा रहा है।
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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण
एसीएस होम अवनीश अवस्थी अमेठी के बाजारशुक्ल पहुंचे जहां उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया. इस दौरान मंत्री सतीश महाना और एसीएस अवस्थापना अरविंद कुमार भी मौजूद रहे. वहीं मंत्रियों ने कार्यदायी संस्था के साथ समीक्षा बैठक की.
आजमगढ़ डीएम ने संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश
इससे पहले आजमगढ़ डीएम राजेश कुमार ने किशुनदासपुर, सेहदा में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निरीक्षण किया। इसके साथ ही डीएम ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली. डीएम ने यूपीडा के संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की कार्य प्रगति पर सीएम योगी रखे है नजर
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की कार्य प्रगति पर सीएम योगी आदित्यनाथ खुद नजर रख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आजमगढ़ और गाजीपुर में बन रहे हिस्सों का जायजा लिया था और 31 मार्च तक सभी कार्य पूरे करने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन अभी एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने में समय लग सकता है।
जब इस एक्सप्रेस-वे का बदला नाम
यह एक्सप्रेस वे दो खास राजनीतिक चेहरों का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा। एक शख्स जो अब सरकार में नहीं है यानी की बात अखिलेश यादव की हो रही है। यूपी में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो लखनऊ से गाजीपुर तक बनने वाले एक्सप्रेस वे का नाम समाजवादी एक्सप्रेस वे हो गया। लेकिन 2017 में जब बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में आई तो इसके नाम को बदल कर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे कर दिया गया।
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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खासियत
- इसकी कुल लंबाई 341 किलोमीटर है। अब इसे बलिया तक बढ़ाया गया है।
- सिक्स लेन के प्रोजेक्ट को बनाने में कुल 22,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे बाद में आठ लेन तक किया जा सकता है।
- लखनऊ के चांदसराय से शुरू होकर बाराबंकी, सुल्तानपुर आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर जिले के हैदरिया में समाप्त होगा।
- पूरी योजना पर बेहतर तरीके से अमल करने के लिए पूरे एक्सप्रेसवे को 8 पैकेज में विभाजित ।
- 9 जिलों से गुजर रहा है यह एक्स्प्रेस वे और इससे बिहार के भी कुछ जिलों को मिलेगा लाभ।
- 3300 मीटर लंबी एयर स्ट्रिप के साथ ही अब उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे पर दो हवाई पट्टियां बनाने वाला देश का पहला प्रदेश हो गया है।
- सुल्तानपुर जिले के कूरेभार के पास यह एयर स्ट्रिप बनाई गई है।
यह सड़क सियासी भी है
इस एक्सप्रेस वे को लेकर जमकर सियासत भी होती रहती है। जानकार कहते हैं कि यह बात सच है कि इस प्रोजेक्ट के बारे में अखिलेश यादव ने सोचा था। लेकिन हकीकत यह भी है कि इसे जमीन पर उतारने का काम योगी आदित्यनाथ की सरकार कर रही है। जिस तरह से कोरोना महामारी के बीच रोड बनाने का काम निर्बाध गति से चलता रहा उसकी तारीफ भी हो रही है।
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इस प्रोजेक्ट पर नवंबर 2018 में शुरू हुआ काम
नवंवर 2018 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था और तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित हुआ। लेकिन अब इसे अप्रैल के महीने में जनता को समर्पित किया जाएगा। इससे प्रदेश के लोगों में संदेश गया कि यह सरकार विकास की योजनाओं के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। दरअसल समाजवादी पार्टी का यह आरोप लगता रहा है कि अब उनकी सरकार सूबे में नहीं है और उसका असर इस एक्स्प्रेस वे पर जरूर पड़ेगा।
9 जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे
यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने और अवध एवं पूर्वी के 9 जिलों से होता हुआ गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे से लिंक रोड के जरिए गोरखपुर और वाराणसी जैसे अहम शहरों को जोड़ा जाएगा। इस पर 2021 तक काम पूरा हो जाने की उम्मीद है।
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सुल्तानपुर के इस गांव से होगी शुरुआत
इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत लखनऊ में सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) स्थित गांव चांद सराय से होगी और गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव तक बनेगा। हैदरिया गांव यूपी और बिहार की सीमा से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कम होगी गाजीपुर से दिल्ली की दूरी
6 लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर और अमेठी को जोड़ेगा। इससे एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल और दिल्ली भी करीब आ सकेंगे। दिल्ली से यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए आगरा, फिर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से लखनऊ और लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के जरिए अब गाजीपुर तक पहुंचा जा सकेगा।
औद्योगिक विकास के लिए 10 इंडस्ट्रियल पार्क
इस एक्सप्रेसवे के करीब यूपी सरकार ने 10 इंस्ट्रियल पार्क स्थापित करने की योजना बनाई है। यही नहीं सुल्तानपुर के पास हवाई पट्टी बनाए जाने का भी प्रस्ताव है। यहां आपातकाल में एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स को उतारा जा सकेगा।
इन एक्सप्रेस-वे पर भी चल रहा काम
341 किलोमीटर लंबे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ योगी सरकार ने अब झांसी से लेकर इटावा तक 293 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और लखनऊ से इलाहाबाद तक 150 किलोमीटर लंबे प्रयाग एक्सप्रेस-वे को अंतिम रूप दे दिया है।
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2021 तक 1432 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क
इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ने वाले 89 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे की भी तैयारी पूरी कर ली गई है। यही नहीं 96 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य जारी है। इस साल के अंत तक यूपी में 1432 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क होगा।
चार लेन का होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चार लेन का होगा और झांसी से शुरू होकर इटावा में खत्म होगा। इटावा में यह आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। बुंदेलखंड परियोजना अपने आप में यूपी का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे होगा जो राज्य के सबसे पिछड़े जिलों चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, जालौन और औरैया से होकर गुजरेगा।
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प्रयाग एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे दोनों ही चार लेन की परियोजना है और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बनने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों आजमगढ़, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली और बाराबंकी में सड़कों का जाल बिछ जाएगा।