प्रयागराज में ‘संजय’ का बोलबाला,क्षेत्र तो कई है पर जिम्मेदार का एक नाम ‘संजय’,जानें संजय के बारे में

द लीडर हिंदी,प्रयागराज। प्रयागराज में इन दिनों एक ही नाम गूंज रहा है वह नाम है ‘संजय’।आप हाई कोर्ट जाएं तो संजय। लोक सेवा आयोग जाएं तो संजय। कमिश्नर के ऑफिस जाएं तो संजय । जिला अधिकारी के दफ्तर जाएं तो संजय। और बीएसए ऑफिस पहुंच जाएं तो वहां भी संजय ही मिलेंगे। प्रयागराज में इन दिनों इस नाम की अहमियत काफी बढ़ गई है ।

कुछ ऐसा माहौल ही बना है की पूरे प्रयागराज में सिर्फ संजय नाम की ही चर्चा है दरअसल मौजूदा समय में प्रयागराज में हरतरफ संजय नाम के संयोग की बातें हो रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय यादव हैं तो प्रयागराज में चार वरिष्ठ अधिकारियों का भी नाम संजय हैं। प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोकसेवा आय़ोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र हैं तो कमिश्नर संजय गोयल और जिलाधिकारी हैं संजय खत्री। इसके अलावा जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी हैं संजय कुशवाहा। दूसरे जनपद और राज्य के रहने वाले ये शख्सियत अभी प्रयागराज में अहम ओहदों की शोभा बढ़ा रहे हैं। संजय नाम के इस संयोग की चर्चा जुबानी हो रही है तो इंटरनेट मीडिया पर भी इस पर बड़ी चर्चा  हैं। पेश है इनके बारे में कुछ जानकारी।

चीफ जस्टिस हाईकोर्ट न्यायमूर्ति संजय यादव

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का काम संभाल रहे न्यायमूर्ति संजय यादव को स्थायी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। केंद्रीय विधि मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया गया कि यह नियुक्ति शपथ ग्रहण और कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभावी होगी। वर्ष 1961 में 26 जून को जन्मे संजय यादव 25 अगस्त 1986 में अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत हुए। उन्होंने जबलपुर हाई कोर्ट में सिविल, रेवेन्यू और संवैधानिक मामलों में वकालत की। वह मध्य प्रदेश के डिप्टी एडवोकेट जनरल भी रहे। दो मार्च 2007 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के अपर न्यायाधीश नियुक्त हुए और जनवरी 2010 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। न्यायमूर्ति संजय यादव दो बार मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे। आठ जनवरी 2021 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से उनका स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में किया गया। वह यहां 14 अप्रैल से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कामकाज संभाल रहे थे। गुरुवार को उनकी नियुक्ति संबंधी अधिसूचना अपर सचिव विधि एवं न्याय राजिंदर कश्यप ने जारी की।

यूपी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र ने 18 मई मंगलवार को प्रयागराज आकर कार्यभार ग्रहण किया था। भारतीय राजस्व सेवा के 1993 बैच के अधिकारी संजय श्रीनेत्र को प्रवर्तन निदेशालय में नार्दन रीजन के स्पेशल डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत होने के बाद यह जिम्मेदारी मिली। लखनऊ के काल्विन ताल्लुकेदार्स कालेज से इंटर तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) से शिक्षा ली। श्रीनेत ने अपने सेवाकाल में 4000 करोड़ से अधिक की संपतियों को जब्त किया और 100 करोड़ से ज्यादा कर चोरी और तस्करी के मामलों को पकड़ा। उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) से एमफिल किया है। आईआरएस में चयनित होने के बाद वह 2005 से 2009 तक प्रथम सचिव भारतीय उच्चायोग लंदन में कार्यरत थे। 2009 से 2014 तक डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस राजस्थान के प्रभारी रहे और 2015 से 2020 तक ईडी के नॉर्दन रीजन के विशेष निदेशक थे। उन्हेंं राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 2010 में गणतंत्र दिवस पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। उन्हेंं केंद्र सरकार के लिए अत्यधिक राजस्व संग्रह करने पर 1998 में सम्मान पत्र भी दिया गया था। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (व्यापार) के पद पर नियुक्ति के दौरान संजय श्रीनेत अनेक यूरोपीय देशों के प्रभारी रहे। इस दौरान उन्हेंं अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अपराध और नशीले पदार्थों की तस्करी के अर्थतंत्र का व्यापक भंडाफोड़ किया। वह आर्थिक भ्रष्टाचार, तस्करी और मनी लॉन्ड्रिग से संबंधित कई मामलों में सख्त कार्रवाई करने से चर्चा में आए।

प्रयागराज के कमिश्नर संजय गोयल

इसी साल मार्च में प्रयागराज के मंडलायुक्त नियुक्त हुए आइएएस संजय गोयल मूल रूप से जनपद लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं। वह 2004 बैच के आइएएस अफसर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री लेने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित संजय गोयल का मूल काडर असम-मेघालय है। प्रतिनियुक्ति पर वर्ष 2017 में यूपी आने के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। कोरोना काल में राहत आयुक्त के तौर पर उन्होंने लखनऊ में काम किया। इससे पूर्व वह विद्युत वितरण निगम के एमडी तथा विशेष सचिव वित्त के पद पर कार्यरत रहे हैं। प्रयागराज में नियुक्ति के बाद वह लगातार सक्रिय हैं। कोरोना की तीसरी लहर फैलने पर वह इसकी रोकथाम और बचाव के लिए अधिकारियों के साथ रात-दिन काम करते रहे हैं।

जिलाधिकारी संजय खत्री

वर्ष 2010 बैच के आइएएस अधिकारी हैं संजय खत्री। पिछले हफ्ते पांच जून को प्रयागराज में नियुक्ति से पहले वह गाजीपुर और रायबरेली में डीएम रह चुके हैं। प्रयागराज आने से पहले उनकी पोस्टिंग जल निगम में संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद थी। संजय मूल रूप से राजस्थान की राजधानी जयपुर के निवासी हैं। उनके विवाह का किस्सा चर्चा में रहा है। दरअसल, संजय ने दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी। वह एक कोचिंग संस्थान में तैयारी के लिए जाते थे जहां उनकी मुलाकात विजयलक्ष्मी से हुई थी जो अब उनकी पत्नी हैं। तब विजय लक्ष्मी भी दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थीं। कोचिंग संस्थान में संजय और विजयलक्ष्मी का मिलना होता रहा। बाद में संजय का आइएएस में चयन हो गया और वह ट्रेनिंग पर चले गए जबकि विजय लक्ष्मी यूपी के गाजीपुर में अपने गांव लौट गई थीं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद संजय की यूपी कैडर में नियुक्ति हो गई। संयोग से वह वर्ष 2016 में गाजीपुर के जिलाधिकारी नियुक्त किए गए जहां की विजयलक्ष्मी रहने वाली थीं। उसी दौरान विजयलक्ष्मी किसी मामले में उनसे मिलीं तो दोनों की यादें ताजा हो गई। गाजीपुर से तबादला होने के बाद नवंबर 2017 में रायबरेली में डीएम रहते संजय खत्री ने दिल्ली जाकर विजय लक्ष्मी से सादे समारोह में विवाह किया था।

बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा

सह जिला विद्यालय निरीक्षक रहे संजय कुशवाहा को जून 2017 में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) का बेसिक शिक्षाधिकारी नियुक्त किया गया था। मूल रूप से गाजीपुर जनपद के रहने वाले संजय 2009 बैच के अधिकारी हैं। प्रयागराज में नियुक्ति से पहले वह कौशांबी और बलिया के बीएसए जबकि माध्यमिक और बेसिक शिक्षा परिषद में उपसचिव के पद पर रहे।

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