‘जहरीले जाम’ ने ली जान, बिहार के बेतिया में 16 लोगों की मौत

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द लीडर हिंदी, पटना। बिहार के देउरूवा में अब तक 16 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि, सभी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया है.

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जहरीली शराब पीने से हुई मौत- ग्रामीण

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि, जहरीली शराब पीने से इन लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि, मारे गए कुछ लोगों में शराब पीने की पुष्टि हुई है. हालांकि, प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कुछ नहीं कहा है.

पुलिस मामले की जांच में जुटी

यह घटना बेतिया के लौरिया प्रखंड के देउरूवा गांव और उसके पास के बगही गांव की है. वहीं, बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि, इस मामले की जांच चल रही है. संबंधित अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं. स्थानीय लोग इस मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

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एक पर केस दर्ज

इससे पहले शुक्रवार को बेतिया के प्रभारी एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया था कि, शराब बेचने वाले मुमताज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. छापेमारी चल रही है.

गांव में बेची जाती है शराब- ग्रामीण

उधर, ग्रामीणों ने कहा कि, गांव के सब लोग जानते हैं कि, गांव में शराब बेची जाती है पर कोई पचड़े में पड़ना नहीं चाहता है. सरकार और प्रशासन को इसपर रोक लगाना चाहिए नहीं तो इस गांव का भविष्य अंधकार में है.

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डीएम कुंदन कुमार ने कहा, हमें चंपारण के गांव में पिछले 2-3 दिन में कुछ लोगों की संदिग्ध हालात में मौत की जानकारी मिली है. हालांकि, उनके परिवार और गांववालों ने शराब पीने की बात को नहीं माना है. एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

लालू यादव ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना

उधर, बेतिया में लोगों की संदिग्ध मौत पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने इस खबर को ट्वीट कर कहा, बिहार में सुशासनी शराबबंदी से हर साल हजारों लोग जहरीली शराब से मर जाते है.

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शराबबंदी के कारण सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनोमी चला रहे हैं. शराबबंदी के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद हैं. पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है.

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