द लीडर : उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार भी ‘लोक तथा निजी संपत्ति छति वसूली कानून’ लाने की तैयारी में है. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि, ‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ न सिर्फ कड़ी कार्रवाई करेंगे. बल्कि सजा के साथ संपत्ति की नुकसान की भरपाई भी कराएंगे. मैंने कड़ा कानून बनाने का निर्देश दिया है, जिस पर काम शुरू हो गया है.’
मुख्यमंत्री का ये बयान ऐसे समय आया है, जब पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश सांप्रदायिक तनाव की खबरों के कारण चर्चा बना में बना है. राज्य के सबसे शांत माने जाने वाले उज्जैन, इंदौर और मंदसौर-ये तीन जिले सांप्रदायिकता की लपटों से झुलसे हैं. विवाद की ये घटनाएं अयोध्या राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह के लिए आयोजित रैली के दौरान सामने आई हैं. इसमें कथित रूप से पत्थरबाजी के आरोप में उज्जैन के स्थानीय प्रशासन ने अब्दुल हमीद का मकान ढहा दिया है.
पत्थरबाजी कोई साधारण अपराध नहीं है, इससे किसी की जान भी जा सकती है।
कई बार उत्पाती सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
ऐसे अपराधियों को सख्त सजा के साथ-साथ उनके द्वारा किये गये नुकसान की भरपाई भी की जायेगी। हम इस पर कड़ा कानून बना रहे हैं। pic.twitter.com/jkphLX86Qq
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 3, 2021
सीएए आंदोलन के दौरान यूपी में बना था कानून
पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देशभर में आंदोलन हुए. 19 दिसंबर को लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया था. इसमें निजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा था. तब लखनऊ प्रशासन ने इस संपत्ति की भरपाई के लिए 57 लोगों को नोटिस जारी किये थे. ये मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक पहुंचा. इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें ‘उत्तर प्रदेश लोक तथ निजी संपत्ति छति वसूली अध्यादेश-2020’ के ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी गई. इस तरह संपत्ति रिकवरी का ये कानून बना.
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यूपी के धर्मांतरण कानून से प्रभावित होकर बनाया कानून
यूपी सरकार ने गत वर्ष विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून बनाया था, जो देशभर में काफी चर्चित रहा. ये कानून मध्यप्रदेश सरकार को भी भाया. इसी से प्रभावित होकर शिवराज सरकार हाल ही में धर्मांतरण कानून लेकर आई है.