कोरोना संकट के चलते अब सिंगापुर और यूएई से ऑक्सीजन टैंकर आयात करेगा भारत

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दिल्ली | कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार सिंगापुर और यूएई से उच्च क्षमता के ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों को आयात करने के लिए बातचीत कर रही है। इसके साथ ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र ने राज्यों को बंद ऑक्सीजन संयंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना के हालात की समीक्षा की

शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अपने क्षेत्र के आक्सीजन उत्पादकों की सूची तैयार करने को लेकर पत्र लिखा है। साथ ही बिना किसी बाधा के आक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने को भी कहा है। गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि आक्सीजन ढुलाई के लिए उच्च क्षमता वाले टैंकरों को सिंगापुर और यूएई समेत दूसरे देशों से मंगाने के लिए गृह मंत्रालय समन्वय कर रहा है।

समीक्षा बैठक में गृह मंत्री ने आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय भी सुझाए हैं। गृह मंत्रालय का एक विशेषज्ञ समूह जरूरत के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आक्सीजन आवंटन के मसले को भी देख रहा है। आक्सीजन सप्लाई के समय को कम करने की कोशिश की जा रही है।

केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिव को लिखा पत्र

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र देश के कई जिलों में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं का उपयोग स्थानीय अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भी किया जा सकता है। मैं आपसे निवेदन करता हूं कि ऐसी सभी सुविधाओं को तुरंत चिन्हित किया जाए।

जिला अधिकारियों व उपायुक्तों को उन सभी प्लांट को सूचीबद्ध करने के लिए कहा जाना चाहिए, जिनमें ऑक्सीजन पैदा होती है। भल्ला ने कहा कि अगर कुछ संयंत्र बंद हो जाते हैं, तो उन्हें भी सूचीबद्ध किया जाना चाहिए और उनके पुनरुद्धार के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।

जर्मनी से 23 आक्सीजन उत्पादन संयंत्र एयरलिफ्ट करेगा भारत

आक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से 23 मोबाइल आक्सीजन जनरेशन प्लांट और कंटेनर के आयात का फैसला किया है। इन्हें वायु सेना के परिवहन विमानों से एयरलिफ्ट किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि उन आक्सीजन उत्पादन संयंत्र की क्षमता प्रति मिनट 40 और प्रति घंटे 2400 लीटर है। बता दें कि रक्षा मंत्री ने मंगलवार को सेना के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी।

रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अस्पतालों में जिन चीजों की कमी है, उनकी आपूर्ति तुरंत सुनिश्चित की जाए। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने बताया कि इन संयंत्र को आ‌र्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज (एएफएमएस) में कोरोना संक्रमण से पीड़ितों के इलाज के लिए स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आक्सीजन उत्पादन संयंत्र को एक सप्ताह के भीतर एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा।

ऑक्सीजन वाहनों के परिवहन के लिए बनाए विशेष गलियारा

गृह मंत्री ने समीक्षा बैठक में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई उपाय सुझाए। गृह मंत्रालय का एक विशेषज्ञ समूह भी सक्रिय मामलों को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन की आवाजाही और आवंटन को राज्यों के अनुकूल व तर्कसंगत बनाने में लगा है।

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे ऑक्सीजन परिवहन वाहनों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित कराएं। इन वाहनों के परिवहन के लिए विशेष गलियारों के लिए प्रावधान करते हुए उनसे एंबुलेंस की तरह व्यवहार करें।

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