बगैर वैक्सीनेशन के नहीं कर सकेंगे हज की यात्रा : और भी कई शर्तो के दिए गए निर्देश

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दिल्ली | हज पर जाने वाले मुसलमानों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेनी होगी. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उन्हें हज यात्री की इजाजत दी जायेगी. लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.

कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी दुनिया में कड़े नियमों का पालन करना पड़ रहा है. हज यात्री जो भारत से यात्रा के लिए सऊदी जायेंगे वहां भी उन्हें 72 घंटे के लिए क्वारंटनाइन रहना होगा, हज के दौरान भी उचित दूरी के नियमों का पालन करना होगा. हमेशा मास्क पहने रखना होगा. सउदी में इस पर भी फोकस किया गया है अलग- अलग जगहों से हज के लिए आने वालों को परेशानी ना हो, कड़े नियमों के साथ उन्हें सुरक्षित रखने की भी कोशिश की जा रही है.

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दुनिया में फैले कोरोना संक्रमण का असर हज की यात्रा पर भी पड़ा है. हज यात्रा इस बार हो रही है लेकिन इसे लेकर किस- किस तरह की सावधानी बरती जायेगी, नियमों को लेकर क्या फैसला होगा इसे लेकर स्थिति अबतक स्पष्ट नहीं है. कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल भी हज नहीं हुआ था, इस बार प्रतिबंधों के साथ हज यात्रा कराने का फैसला लिया गया है.

हज 19 या 20 जुलाई को होना है. अबतक यह फैसला नहीं हुआ है कि हज में शामिल होने वाले लोगों को किन – किन नियमों का पालन करना होगा. हज की यात्रा में भारत के नागरिकों के लिए क्या नियम होगा इसे लेकर भी अबतक स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है. भारत सहित 20 देश के लोगों पर पहले ही सउदी अस्थायी प्रतिबंध लगा चुका है. हज की यात्रा पर इन प्रतिबंधों का क्या असर होगा , इसे लेकर भी अबतक कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गयी है.
पिछले साल हज के दौरान भारत के कुछ हिस्सों में क्या हुआ था ?

कोरोना संक्रमण के कारण हज यात्रा-2020 स्थगित कर दी गई थी जिसके बाद भोपाल समेत मध्यप्रदेश से जाने वाले 4864 हज यात्रियों को हज कमेटी ने 90 करोड़ रुपए लौटा दिए थे. यह सभी यात्री मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के माध्यम से हज यात्रा पर जाने वाले थे. इसके लिए प्रत्येक यात्री ने दो किश्त में दो लाख एक हजार रुपए हज कमेटी में जमा कराए थे. यह राशि विमान किराए समेत मक्का और मदीना के आवासीय एवं अन्य खर्च की थी.

कोरोनाकाल के कारण राशि मिलने में 3 माह की हुई थी देरी
भारत सरकार ने भी 1 लाख 23 हजार हज यात्रियों के 2100 करोड़ रुपए बिना किसी कटौती के वापस कर दिए थे. हालांकि कई हज यात्री राशि वापस नहीं लेना चाहते थे, उनकी मंशा थी कि वर्ष 2021 में होने वाले हज में उनका चयन कर लिया जाए. उनकी राशि अग्रिम तौर पर कमेटी में जमा रखी जाए, लेकिन नियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं होने पर राशि लौटाई गई थी .

कोरोना के कारण ही करीब तीन माह का विलंब भी हुआ, क्योंकि हज कमेटी ऑफ इंडिया (मुंबई) का दफ्तर उस समय पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहा था. ऐसी ही स्थिति वहां बैंकों की भी होने से इसे राशि वापस करने में हुई देरी का कारण बताया गया था. ये पहला अवसर था जब कोरोना के कारण हज यात्रा रोकी गई थी.

सभी के बैंक खातों में पहुंची थी रकम
राज्य हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी दाऊद अहमद खान ने बताया था कि अब किसी हज यात्री का पैसा कमेटी पर बकाया नहीं है.

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