मुख्तार अंसारी के दादा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे तो नाना हैं नौसेरा के शेर-ब्रिगेडियर उस्मान

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MLA Mukhtar Ansari Grandfather President Congress Lion Noussera Of Brigadier Usman

विधायक मुख्तार अंसारी की पहचान केवल उतनी नहीं है, जितनी मीडिया ने आजमन को बताई-दिखाई है. मसलन, बाहुबली, डॉन, माफिया और एक जघन्य अपराधी आदि. बल्कि उनके बारे में जानने को ऐसा बहुत कुछ है, जिसे बताया-दिखाया जाना चाहिए. एक उच्च शिक्षित, राजनीतिक, वैचारिक और उसूलपसंद परिवार से संबंध रखने वाला इंसान कैसे अपराध के दलदल में फंस जाता है. ये समझने के लिए भी मुख्तार के परिवार को जानना जरूरी है. (MLA Mukhtar Ansari Grandfather President Congress Lion Noussera Of Brigadier Usman )

मुख्तार अंसारी का ताल्लुक न सिर्फ देश के एक बड़े राजनीतिक घराने से है. ऐसा खानदान जो पराधीन भारत में आजादी का परवाना रहा. और स्वतंत्रा हासिल होने के बाद भी देश के लिए कुर्बानी देता रहा. मुख्तार अंसारी का नाम अपराध से कैसे जुड़ा. ये हम अगली खबर में बताएंगे. पहले उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को जान लीजिए.

मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी 1927-28 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे. जबकि उनके नाना ब्रिगेडियर मुहम्मद उस्मान मसऊदी हैं. वही उस्मान, जिन्हें देश-नौसेरा के शेर के रूप में जाना है. 15 जुलाई 1912 को मऊ में जन्में उस्मान ने भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था. और 3 जुलाई 1948 को जम्मू-कश्मीर में सैनिकों से जंग लड़ते हुए भारत के लिए शहीद हो गए थे.


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भारत सरकार ने अपने इस शेर को उनकी बहादुरी के लिए दूसरे सबसे बड़े सैन्य पदक महावीर चक्र से सम्मानित किया है. उनकी कब्र दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर स्थति कब्रिस्तान में हैं.

पिछले दिनों उनकी कब्र को कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया था. बाद में सेना ने स्वयं संज्ञान लिया और कब्र की मरम्मत कराई थी. सेना के दिल में आज भी अपने से शेर के लिए वही गौरव है.

मुख्तार अंसारी के पिता सुब्हान अल्लाह अंसारी कम्युनिस्ट नेता थे और उन्होंने भी स्वतंत्रा की लड़ाई में भाग लिया था. मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को हुआ था. परिवार से उन्हें दादा का नाम मिला है.

मुख्तार अंसारी का परिवार उच्च शिक्षित था. उनके चाचा आसिफ अंसारी 1970-80 के दशक में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मशहूर वकील थे. बाद में वह जज भी रहे हैं. उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल शौकतउल्ला अंसारी समेत कई बड़ी शख्सियतों से उनके परिवारिक रिश्ते रहे हैं.


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मुख्तार अंसारी खुद मऊ से पांचवीं बार के विधायक हैं. पहली बार 1996 में बहुजन समाजपार्टी से विधायक बने थे. तब उन्हें 45.85 प्रतिशत वोट मिले थे. और

पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह बसपा से लड़े. तब उन्हें 24.19 प्रतिशत वोट मिले थे. और इस तरह वह पांचवीं बार विधायक चुने गए.

मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी सातवीं बार लोकसभा के सांसद हैं. पहली बार 1985 में वह कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर महमूदाबाद लोकसभा संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. लगातार चार बार यानी 1996 तक कम्युनिस्ट पार्टी से ही महमूदाबाद के सांसद चुने जाते रहे.


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साल 1996 में इसी सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे. वर्ष 2004 में सपा के टिकट पर गाजीपुर से सांसद बने और 2019 में बसपा के टिकट पर संसद का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं.

मुख्तार अंसारी के दो बेटे हैं. एक बेटा अब्बास अंसारी राष्ट्रीय स्तर के शूटर हैं. मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट हो गए हैं. उनके खिलाफ करीब 52 आपराधिक मामले दर्ज हैं. पिछले कई दिनों से मुख्तार अंसारी मीडिया की सुर्खियों में बने हैं.

सोशल मीडिया पर एक धड़ा ऐसा भी है, जो उनका एनकाउंटर किए जाने को लेकर उत्सुक है. मुख्तार के परिवार को इसका आभास भी है. इसीलिए उनकी बीवी अफसा अंसारी ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका लगाकर पति की सुरक्षा की मांग की है.