द लीडर : विधायक मुख्तार अंसारी की पहचान एक राजनेता से कहीं अधिक बाहुबली की है. वे मऊ विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक हैं. फिलहाल अभी जेल में बंद हैं. इसके बावजूद हर रोज मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में लाया जा रहा है. उन्हें यूपी लाए जाने के सफर पर देश के बड़े हिस्से की निगाहें टिकी हैं.
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी और भाई सांसद अफजाल अंसारी इस बात का अंदेशा जता चुके हैं कि यूपी में मुख्तार की जान को खतरा है. परिवार ने राष्ट्रपति को लिखे खत में भी अपनी ये चिंता जाहिर की थी. सोमवार को यूपी पुलिस का काफिला मुख्तार को लेने पंजाब पहुंचा. संभव है कि मंगलवार को वह यूपी पहुंच जाएंगे.
यूपी के अतिरिक्त एडीजी-कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्तार अंसारी को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के तहत बांदा जेल लाया जाएगा. समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक गाजीपुर के महमूदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी का रिकॉर्ड एक हिस्ट्रीशीटर का है. उन पर यूपी और दूसरे राज्यों में करीब 52 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि राज्य सरकार ने मुख्तार अंसारी की करीब 192,06,22,000 की संपत्ति सीज की है या फिर उसे नष्ट किया है. इसके साथ ही मुख्तार के 96 में से 75 साथियों को गुंडा एक्ट की धाराओं में गिरफ्तार किया गया है.
यूपी सरकार मुख्तार अंसारी को गृह राज्य लाए जाने को लेकर लंबे समय से प्रयासरत थी. तमाम कोशिशों के बाद भी जब पंजाब सरकार मुख्तार को यूपी भेजने को राजी नहीं हुई तो यूपी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट का रुख किया था. बीती 26 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय ने अंसारी को दो सप्ताह में यूपी शिफ्ट किए जाने का आदेश दिया था.
आखिर मुख्तार को यूपी क्यों ला रही है सरकार
इस प्रक्रिया के बीच एक सवाल, जो आमतौर पर कईयों के मन में उठ रहा है. वो ये कि आखिर सरकार मुख्तार को यूपी क्यों ला रही है. कानूनी पहलू से समझें तो जवाब बेहद आसान है. दरअसल, मुख्तार माफिया-डॉन के रूप में जाने जाते हैं. जैसे कि उन पर दर्ज 52 मुकदमों से साफ होता है. गैंगवार समेत कई मामलों में वह आरोपी हैं. एक अपराधी के रूप में सरकार उन्हें सजा दिलाने के लिए यहां ला रही है.
परिवार को क्यों सता रहा खतरे का अंदेशा
मुख्तार अंसारी का परिवार इस तर्क से संतुष्ट नहीं कि सरकार उन्हें केवल सजा दिलाने के लिए यूपी ला रही है. बल्कि वो सीधे खतरे का अंदेशा जता रहा है. पिछले साल कानपुर के बिकरु गांव के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. शायद इसी घटनाक्रम के कारण परिवार आशंकित है. चूंकि मुख्तार को सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर यूपी लाया जा रहा है, इसलिए पुलिस अभिरक्षा में उनके साथ किसी अनहोनी की गुंजाइश कम है.