माफिया मुख़्तार अंसारी वाली हाइसिक्योरिटी लैस बांदा जेल से बंदी फरार,सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल 

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द लीडर।प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार भले बड़े दावे करती हो लेकिन यंहा अपराधियों के हौसलों में कोई कमी नहीं दिखती। ताजा मामला मुख़्तार अंसारी जिस हाइसिक्योरिटी व्यवस्था वाली बांदा जेल में बंद है उसका है।जंहा से एक विचाराधीन बंदी भाग गया। बंदी के फरार होने से उत्तर प्रदेश के जेलो की सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत एक बार फिर से सामने आ गयी है।बांदा जेल में कुछ दिन पहले माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ रूपनगर जेल से शिफ्ट किया गया था और जेल में हाइसिक्योरिटी व्यवस्था के दावे किए जा रहे थे।

पंजाब की रोपड़ जेल से माफिया मुख़्तार अंसारी  को शिफ्ट करने के बाद बांदा जेल की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत सोमवार काे उस समय सामने आ गई जब एक विचाराधीन बंदी फरार हो गया। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी और हाईसिक्योरिटी के बावजूद बंदी के भाग जाने की सूचना के बाद जेल अफसरों में खलबली मच गई है। उपमहानिरीक्षक कारागार प्रयागराज ने तत्काल सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के साथ ही बंदी की धरपकड़ के लिए पुलिस टीमें लगा दी हैं।

यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी को कुछ दिन पहले ही पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल शिफ्ट किया गया है। माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर जेल में हाईसिक्योरिटी सिस्टम होने का दावा किया जा रहा था। बीस से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी और अलार्म सिस्टम समेत हथियारबंद बंदी रक्षकों की तैनाती की गई है। इसके बावजूद रविवार की शाम जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदी बांदा के थाना गिरवां ग्राम बरसड़ा बुजुर्ग निवासी 22 वर्षीय विजय आरख फरार हो गया। उसके भाग जाने की खबर से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया, वहीं सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत भी सामने आ गई।

बांदा कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अरुण कुमार सिंह द्वारा जानकारी दी गई है कि बरसड़ा बुजुर्ग निवासी विजय अरख को गिरवां थाना पुलिस ने सीजेएम कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तारी के बाद 6 फरवरी 2021 को जेल में दाखिल कराया था। वह रोजाना की तरह जेल के बाहर कृषि फार्म में काम करने के लिए अन्य बन्दियों के साथ बंदी रक्षकों की निगरानी में रविवार की दोपहर गया था। सभी बंदियों के साथ वह शाम को लौटा लेकिन रात करीब साढ़े आठ बजे जेल लॉकिंग के समय वह नहीं मिला। अलार्म कराकर जेल के अंदर उसकी तलाश की गई लेकिन वह नहीं मिला।

जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बांदा को सूचित करने के बाद प्रकरण में कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। आखिरी बार बंदी को रविवार की शाम पौने सात बजे के करीब जेल में देखे जाने की पुष्टि हुई है। कारागार और पुलिस की सर्च टीमें बंदी की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। घटना के बाद प्रयागराज मंडल के एडीजी जेल संजीव त्रिपाठी ने तत्काल जेल पहुंचकर घटना की जानकारी के बाद जांच के निर्देश दिए हैं।

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