जॉनसन एंड जॉनसन के टीके को भारत में मंजूरी, 85 फीसदी तक असरदार है वैक्सीन

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द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जंग में अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी. खास बात ये है कि यह भारत में इस्तेमाल होने वाली पहली ऐसी वैक्सीन होगी, जो कोरोना के खिलाफ सिंगल डोज में ही कारगर साबित होगी.

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जॉनसन एंड जॉनसन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी

मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, भारत ने अपनी वैक्सीन बास्केट का विस्तार कर लिया. जॉनसन एंड जॉनसन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. अब तक भारत में 5 वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. मांडविया ने कहा, कोरोना के खिलाफ हमारे देश की जंग को बढ़ावा मिलेगा.

मंडाविया ने कहा कि, यह कोविड-19 के खिलाफ भारत के संयुक्त लड़ाई के आगे बढ़ाएगा. EUA के लिए आवेदन करते वक्त कंपनी ने कहा था कि, यह एक पड़ाव होगा, जो भारत और दुनिया के लोगों तक कोविड-19 सिंगल डोज वैक्सीन लाने का रास्ता तैयार करेगा. इससे पहले कंपनी ने कहा था कि जॉनसन एंड जॉनसन के विश्व स्तर पर आपूर्ति में बायोलॉजिकल ई बड़ी भूमिका निभाएगा.

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अब तक इन वैक्सीन को मिली मंजूरी

कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक V और मॉडर्ना के बाद जॉनसन 5वीं वैक्सीन है, जिसे मंजूरी मिली है. हालांकि, भारत में अभी सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है. सरकारी केंद्रों पर कोविशील्ड, कोवैक्सिन लगाई जा रही है. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में स्पुतनिक भी उपलब्ध है. भारत में अभी इस्तेमाल हो रहीं वैक्सीन की दो डोज दी जाती हैं. कोविशील्ड की दो डोज 84 दिन के जबकि कोवैक्सिन 4 से 6 हफ्तों के अंतराल में दी जाती है.

85 प्रतिशत तक असरदार है वैक्सीन

जानकारी के अनुसार, जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन एक से दो हफ्तो के भीतर भारत में उपलब्ध हो सकती है. इसके बाद देश में टीकाकरण अभियान में बड़ी तेजी आ सकती है. क्योंकि इसकी मात्र एक डोज ही असरदार साबिक होगी, दूसरी डोज लेने की जरूरत नहीं होगी. इस तरह कम समय में बड़ी आबादी का वैक्सीनेशन संभव होगा. साथ ही जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन 85 फीसदी तक प्रभावी भी बतायी गई है. साथ ही ये मृत्यु दर में भी कमी लाती है. इसका प्रभाव वैक्सीन लेने के 28 दिनों के बाद दिखता है.

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खास बात यह है कि, जॉनसन एंड जॉनसन की इस वैक्सीन को बेहद कम तापमान पर रखने की जरूरत नहीं है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि वैक्सीन एक ही डोज में मरीज का इलाज कर सकती है. कंपनी ने वैक्सीन में एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया है. इसके शरीर में पहुंचने के बाद सेल कोरोना वायरस प्रोटीन तैयार करते हैं. इसके बाद ये प्रोटीन वायरस का सामना करने में इम्यून सिस्टम की सहायता करते हैं.

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