सावधान ! डेल्टा वैरिएंट ने फिर डराया, नासिक में 30 नए मामले मिले

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द लीडर हिंदी। कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा दुनिया में चिंता का विषय बन गया है. डेल्टा वैरिएंट के केस बढ़ने शुरू हो गए है. जिससे हर किसी में खौफ का माहौल है. बता दें कि, महाराष्ट्र के नासिक जिले से पिछले 15 दिनों में भेजे गए 155 स्वैब में से 30 मरीजों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया है. इनमें से 28 केस ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं.

30 लोगों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि

जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने खबर की पुष्टि होते ही अलर्ट जारी कर दिया है. जब राज्य में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के केस कम होने लगे थे. यह माना जा रहा था कि, कोरोना की दूसरी लहर नियंत्रण में है. डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रभावों वाली तीसरी लहर से बचने की तैयारी शुरू थी. लेकिन इसी दौरान नासिक में अचानक एक-साथ 30 डेल्टा वेरिएंट के केस का सामने आना चिंता बढ़ाने वाली बात है.

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नासिक जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. किशोर श्रीनिवास के मुताबिक, नासिक के 30 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद इनकी रिपोर्ट को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए पुणे के लैब में भेजा गया था. वहां से आई रिपोर्ट में इनमें डेल्टा वेरिएंट होने की पुष्टि हुई है.

135 देशों में पाए गए डेल्टा वेरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अब तक 135 देशों में मूल कोरोना वायरस से अधिक घातक और अधिक तेजी से फैलने वाला डेल्टा वेरिएंट पाया गया है. इस बीच अगले हफ्ते तक दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20 करोड़ तक पहुंच सकती है. यह जानकारी WHO द्वारा 3 अगस्त को जारी किए गए साप्ताहिक अपडेट के माध्यम से सामने आई है. दुनिया भर में 132 देशों में कोरोना का बीटा वेरिएंट के मरीज पाए गए हैं. 81 देशों में कोरोना के गामा वेरिएंट के केस सामने आए हैं. 182 देशों में अल्फा वेरिेएंट के केस सामने आए हैं.

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एक महीने में R वैल्यू 0.93 से बढ़कर 1.01 हुई

चेन्नई के इंस्टीट्‌यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंस के मुताबिक, भारत में R वैल्यू की दर एक महीने के अंदर 0.93 से बढ़कर 1.01 फीसदी हो गई है। यानी अब कोरोना का एक मरीज एक से ज्यादा व्यक्ति तक संक्रमण फैला रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. मनोज ने बताया कि R वैल्यू का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। इससे संक्रमण के बाद मौतों और अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है। सबसे ज्यादा R वैल्यू मध्यप्रदेश (1.31) और हिमाचल प्रदेश (1.3) में है। इसके अलावा महाराष्ट्र और दिल्ली में R वैल्यू की दर 1.01 फीसदी है। केरल में R वैल्यू 1.06 फीसदी है। यहां रोजाना 20 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं।

क्या है कोरोना की R वैल्यू ?

डेटा साइंटिस्ट्स के मुताबिक, R फैक्टर, यानी रीप्रोडक्शन रेट। यह बताता है कि, एक इन्फेक्टेड व्यक्ति से कितने लोग इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर R फैक्टर 1.0 से अधिक है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं। वहीं, R फैक्टर का 1.0 से कम होना या कम होते जाना केस घटने का संकेत होता है। इसे इस बात से भी समझ सकते हैं कि, अगर 100 व्यक्ति इन्फेक्टेड हैं। वह 100 लोगों को इन्फेक्ट करते हैं तो R वैल्यू 1 होगी। पर अगर वे 80 लोगों को इन्फेक्ट कर पा रहे हैं तो यह R वैल्यू 0.80 होगी।

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चेचक से भी ज्यादा तेजी से फैल सकता है डेल्टा वैरिएंट

इससे पहले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिक चिंता जाहिर कर चुके हैं। अमेरिकी स्टडी में खुलासा हुआ था कि, कोरोना का यह वैरिएंट चिकनपॉक्स की तरह लोगों में तेजी से फैल सकता है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की यह स्टडी अभी पब्लिश नहीं हुई है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स में इसका एक डॉक्युमेंट छपा था। कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में डेल्टा ज्यादा संक्रामक है। कुछ दिनों पहले UK में कोरोना पीड़ितों में 99% केस डेल्टा के मिले थे।

वायरस पर की गई स्टडी में चिंताजनक बात ये भी थी कि, वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोग भी वैक्सीन न लगवाने वालों की तरह ही डेल्टा वैरिएंट को फैला सकते हैं। CDC के डायरेक्टर डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने बताया था कि, वैक्सीनेशन करा चुके लोगों की नाक और गले में उतना ही वायरस होता है, जितना कि टीकाकरण न कराने वालों में, जिससे ये आसानी से फैल जाता है।

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