हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी का औवेसी पर निशाना : मुस्लिम समाज को बताया आतंकी गिरोह

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द लीडर। इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म को अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी एक बार फिर चर्चा में आ गए है. जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने औवेसी के बयान पर पलटवार करते हुए मुस्लिम समाज को आतंकी गिरोह बताया है। बता दें कि, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर जितेंद्र नारायण त्यागी ने निशाना साधा है. उन्होंने 21 वर्ष में लड़कियों की शादी पर दिए ओवैसी के बयान पर उन्हें घेरा है और कहा कि, ओवैसी 10-15 शादियां करें और बहुत बच्चे पैदा करें. शहादत के काम आएंगे. याद दिला दें कि, अभी हाल ही में धर्म परिवर्तन कर वसीम रिजवी से हिंदू बने हैं और अब उनका नाम जितेंद्र नारायण त्यागी है.


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मुस्लिम समाज को आतंकी गिरोह बताया

हापुड़ के असौड़ा पहुंचे जितेंद्र नारायण त्यागी ने यहां एक देश एक कानून की वकालत की. उन्होंने कहा कि, त्यागी समाज ने मुझे अपनाया उससे जनता में बहुत बड़ा मेसेज गया है. उन्होंने कहा कि, मुसलमान कभी विकास के लिए वोट नहीं डालता. वह तो हिंदुओं के खिलाफ वोट करता है. इसी दौरान उन्होंने मुस्लिम समाज को आतंकी गिरोह बताया. उन्होंने एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को भी आड़े हाथों लिया. लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष किए जाने पर दिए ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ओवैसी 10-15 शादियां करें और बहुत बच्चे पैदा करे. शहादत के काम आएंगे.

ओवैसी ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर कसा तंज

बता दें कि, मेरठ में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 की बजाए 21 वर्ष किए जाने की केंद्र की कवायद पर तीखा तंज कसते हुए कहा था कि, 18 साल में लोग मोदी को वोट दे सकते हैं, लेकिन शादी नहीं कर सकते. ओवैसी ने कहा कि, सेक्शुअल रिलेशनशिप हो सकती है, पर शादी नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि, इस्लाम में तो जब तक बेटी राजी नहीं होती, शादी नहीं होती. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा था कि, कई देशों में तो 14, 16 की उम्र में ही शादियां हो जाती हैं. यही नहीं जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी ओवैसी ने कहा कि, बनाओ दो बच्चे का कानून, हम देखते हैं.


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18 साल के बच्चों को सभी अधिकार दिए गए, फिर शादी का क्यों नहीं ?

ओवैसी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से कहा था कि, अन्य सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 18 साल की उम्र को वयस्क के रूप में माना जाता है, फिर शादी के लिए क्यों नहीं? उन्होंने पूछा था कि, सरकार को पहले ये बताना चाहिए कि, 18 साल के बच्चों के ह्यूमन डेवलपमेंट के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए. उन्होंने कहा था कि, 18 साल के बच्चों को सारे अधिकार दिए गए, फिर शादी का अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा.

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