जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस-आज़मगढ़ के चार मुस्लिम युवकों को नहीं होगी फांसी

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The Leader. राजस्थान हाईकोर्ट का एक बेहद अहम फ़ैसला सामने आया है, जिस जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस में निचली अदालत ने चार आरोपियों को फांसी की सज़ा सुनाई थी, उन्हें बरी कर दिया है. ये चारों युवक मुहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आज़मी और मुहम्मद सलमान आज़मगढ़ के रहने वाले हैं. उन्हें हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी मानकर फांसी की सज़ा सुनाई गई थी. सबसे ख़ास बात यह कि दिल्ली पुलिस बटला हाउस की चर्चित मुठभेड़ में दो आरोपियों को ढेर कर चुकी है. अब यह मामला राजनीतिक दलों के बीच भी खींचतान का सबब बन गया है.


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मई 2013 का यह वही मामला है, जिसमें 71 लोगों की मौत और 185 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में राजस्थान एटीएस ने कुल 13 युवकों को आरोपी बनाया था. इन 13 में से 3 अभी तक फरार हैं. तीन आरोपी हैदराबाद और दिल्ली की जेलों में बंद हैं. दो को दिल्ली में बटला हाउस मुठभेड़ में मारा जा चुका है. तब मुठभेड़ को लेकर तमाम सवाल भी खड़े किए गए थे. आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष नबीरे आला हज़रत मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने भी कड़े अल्फ़ाज़ में निंदा करते हुए सीबीआइ जांच की मांग उठाई थी.


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इसी मामले में निचली अदालत ने चार युवकों को फांसी की सज़ा सुनाई थी, जिसके खिलाफ़ अपील दाख़िल की गई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने 28 अपीलों पर सुनवाई की और पुलिस के पेश किए गए सबूतों को खारिज कर दिया. फैसला सुनाने के दौरान जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की खंडपीठ ने काफी तल्ख़ टिप्पणियां की. जांच अधिकारियों को लेकर कहा कि उन्हें लीगल जानकारी ही नहीं है. हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए है कि जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करें. इस बड़े मामले में समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आज़मी भी बयान सामने आया है. कांग्रेस और भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है. उसे देखते हुए राजस्थान में चुनाव से पहले यह मामला मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है.