अतीक अहमद की बहन बोलीं-मिट्टी में मिलाने का मतलब सड़क पर गोली मारना तो नहीं

0
242

The Leader. माफिया अतीक अहमद के भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ़ को एक बार फिर प्रयागराज ले जाने की कोशिशों के बीच उनकी बहन आयशा ने यूपी के ज़िला बरेली में बड़ा बयान दिया है. जेल के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मिट्टी में मिलाने का मतलब यह तो क़तई नहीं हुआ कि किसी को सड़क पर खड़ा करके गोली मार दें. हम तो दो साल पहले ही मिट्टी में मिल चुके हैं. जब हमारी संपत्ति को ज़ब्त कर लिया गया. अब तो हमारे ड्राईवर बच्चों को स्कूल छोड़ने तक के लिए नहीं आ रहे हैं.


अतीक़ अहमद को उम्र क़ैद लेकिन भाई अशरफ़ पर साबित नहीं हो सका जुर्म


आयशा यहीं ख़ामोश नहीं हुईं, उन्होंने यह भी कहा कि भाई की जान को ख़तरा तो है. बड़े अधिकारी ने धमकी दी है कि दो हफ़्ते के भीतर जेल से निकालकर मार दिए जाओगे. पेशी तक वीडियो कांफ्रेंसिंग से करने के आदेश हैं. उसके बावजूद बार-बार जेल से बाहर निकाला जा रहा है. अशरफ़ की पत्नी ज़ैनब भी उनके साथ थीं. उनकी मांग है कि पति को जेल से निकालकर मार देने की धमकी पर सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्हें ख़तरा है. इसलिए बरेली अपने अधिवक्ता के साथ आए हैं. अगर उन्हें प्रयागराज ले जाया जाता है तो साथ जाएंगे.


बरेली में अतीक के भाई अशरफ़ के साले का मकान एसआइटी ने किया सील


अशरफ़ के अधिवक्ता विजय मिश्रा का कहना था कि जब उनके मुवक़्क़िल उमेशपाल अपहरण केस में पेशी के लिए प्रयागराज गए थे तो एक अफसर ने ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान दिया. कहा कि दो हफ़्ते में जेल निकालकर निपटा दिया जाएगा. उसी को देखते हुए बरेली आए हैं. पुलिस साथ जाने देती है तो अशरफ़ के साथ जाएंगे. इस बीच प्रयागराज पुलिस अशरफ़ को रिमांड पर लेने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में लगी रही. बता दें कि उमेशपाल अपहरण केस में अशरफ़ को कोर्ट ने बरी कर दिया है लेकिन उनके बड़े भाई अतीक अहमद को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है. अशरफ़ पर भी उमेशपाल हत्याकांड का मुक़दमा दर्ज है. पुलिस रिमांड पर लेने के बाद अहम सुबूत इकट्ठा करने की कोशिश में लगी हुई है.