Hate Speech : नबी की शान में गुस्ताखी से मुस्लिम समाज में बढ़ती नाराजगी, फिर सड़क पर विरोध की तैयारी

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इसी साल 9 अप्रैल को बरेली के इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान पर नबी की शान में गुस्ताखी के खिलाफ विरोध दर्ज कराने भीड़ जुटी थी. नोट-फाइल फोटो

द लीडर : पैगंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ नरसिंहानंद सरस्वती की बदजुबानी पर आला हजरत के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा ने यूपी के बरेली में, इसी साल 9 अप्रैल को एक विशाल प्रोटेस्ट किया था. जो दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन और काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा कादरी की सरपरस्ती में हुआ था. अब एक बार फिर बरेली के उलमा नबी की शान में गुस्ताखी के खिलाफ दिल्ली का रुख किए हैं. और वहां आंदोलन की मुहिम छेड़ने की कोशिश में लगे हैं. (Muslims Prophet Muhammad News )

तहरीक-ए-फरोग इस्लामी ने इसको लेकर राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र भी भेजा है. जिसमें मस्जिदों की सुरक्षा, मॉब लिंचिंग और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा कुछ आयतें हटाकर दोबारा कुरान लिखे जाने पर हैरत जताई है. और इन सभी मुद्​दों पर पुलिस-प्रशासन की अनदेखी का आरोप लगाया है.

साल 2014 के बाद देश में हुईं मॉब लिंचिंग की घटनाओं की तरफ ध्यान खींचा है. जिसमें हाफिज मुहम्मद जुनैद, अखलाक, पहलू खान समेत कई और लोग भीड़ हिंसा में जान गवां चुके हैं.

दिल्ली प्रोटेस्ट में बरेली से मुफ्ती आमिर आरफीन, हाफिज मुस्तकीम अजहरी, मौलाना इरफान मरकजी, मौलाना मुर्शिद मरकजी, हाफिज नावेद कादरी, एहतिशाम आदि शामिल हुए.

इधर, मुफ्ती-ए-आजम हिंद के 41वें उर्स के मौके पर मुंबई की रजा एकेडमी ने दरगाह के बुजुर्गों और उलमा के साथ मीटिंग की. फिर इसी मुद्​दे पर कांफ्रेंस भी हुई. इसकी सरपरस्ती नबीरे आला हजरत मौलाना तौसीफ रजा ने की. एक सुर में सबने यही कहा कि नबी की शान में गुस्ताखी हरगिज बर्दाश्त नहीं है.

सरकार इस पर सख्त कानून बनाए. आला हजरत के उर्से रजवी के दौरान उलमा को ये पैगाम भी दिया जाएगा कि वे अपने इलाकों में जाकर हेट स्पीच के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग बुलंद करें.


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मंगलवार को मौलाना कमर गनी उस्मानी के नेतृत्व में उलमा का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा. विरोध दर्ज कराने कि, नबी की शान में जो लोग भी गलतबयानी कर रहे हैं. उनके खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाए.

लेकिन इससे पहले ही उलमा को हिरासत में ले लिया गया. और देर रात उन्हें छोड़ा गया. इसमें बरेली से मुफ्ती आमिर आरफीन के अलावा दूसरे उलमा भी शामिल हुए हैं. आमिर आरफी के मुताबिक अपनी बात शासन तक पहुंचाने के सिलसिले में ही अभी चर्चा चल रही है.

दरगाह आला हजरत से जुड़ी मुंबई की रजा एकेडमी भी पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी के खिलाफ काानून बनाए जाने की मांग उठाए है. इस सिलसिले में अकादमी देशव्यापी दौरा कर रही है. दरगाह, खानकाह और सामाजिक संगठनों को अपनी मुहिम से जोड़ रही है. (Muslims Prophet Muhammad News )

एकेडमी महाराष्ट्र में प्रोटेस्ट करके सरकार को हेट स्पीच पर कानून बनाने का मांग पत्र दे चुकी है. महाराष्ट्र में उसे प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी का समर्थन हासिल है.

राजस्थान की गहलोत सरकार को भी एकेडमी ने हेट स्पीच पर कानून बनाने का पत्र दिया है. और इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से धर्मगुरुओं के खिलाफ बयानबाजी का मुद्​दा सदन में उठाने का आह्वान किया है.


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अब चूंकि हिंदूवादी नेता पिंकी चौधरी भी नबी के बारे में बेतुकी बयानबाजी करके सुर्खियां बंटोर चुके हैं. तो मुस्लिम समाज की नाराजगी और बढ़ गई है. और वह चाहते हैं कि पुलिस-प्रशासन, सरकार ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने का एक ठोस मसौदा तैयार करें.

सीएम से भी हो चुकी कार्रवाई की मांग

बकरीद से पहले जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे. सलमान हसन के मुताबिक, नबी की शान में बदजुबानी का मुद्​दा सीएम के सामने रखा था. और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी.

बहरहाल, हाल के दिनों में जिस तरह से हेट स्पीच और हेट क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं. उसको लेकर मुस्लिम समाज के साथ दूसरे वर्ग भी हेट स्पीच पर सख्त कानून की वकालत करने लगे हैं. इसमें प्रोफेसर, छात्र और बुद्धिजीवी, सब शामिल हैं. (Muslims Prophet Muhammad News )

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