भारतीय हॉकी टीम ने रचा इतिहास : ओलंपिक में 4 दशक बाद जीता पदक

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द लीडर : टोक्यो ओलंपिक में भारत ने इतिहास रच दिया है. भारत ने पुरुष हॉकी में 4 दशक का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक जीत लिया है. भारत ने जर्मनी को 5-4 से मात दी. सिमरनजीत सिंह ने 2 गोल दागे. टीम इंडिया की इस मुकाबले में खराब शुरुआत भले रही हो लेकिन फिर उसने लगातार गोल दागकर वापसी की.

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पीएम मोदी ने फ़ोन पर बात कर दी बधाई 

बधाई देने के लिए पीएम मोदी ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह से बात की। पीएम मोदी ने अपनी बातचीत में कैप्टन से कहा, “आपको बहुत बहुत बधाई, आपने बहुत गजब काम किया है। पूरा देश नाच रहा है।”

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तीसरा क्वॉर्टर खत्म के बाद भारत 5-3 से आगे था

भारतीय हॉकी टीम ने तीसरे क्वॉर्टर के खत्म होने के बाद जर्मनी पर 5-3 की बढ़त बना ली थी।

सिमरनजीत ने मैच में दागा अपना दूसरा गोल

सिमरनजीत सिंह ने भारत की ओर से 5वां गोल दागा था। यह सिमरनजीत का इस मैच में दूसरा गोल था। भारत ने 1- 3 से पिछड़ने के बाद 5-3 की बढ़त बना ली थी। भारतीय खिलाड़ी जर्मनी पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे।

रुपिंदर और सिमरनजीत ने दागे गोल

तीसरे क्वॉर्टर के शुरू हुए अभी तीन मिनट ही हुए थे कि रुपिंदर पाल सिंह ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर गोल दागकर भारत को 4-3 से बढ़त दिला दी। इसके बाद सिमरनजीत ने भारत की ओर से 5वां गोल दागकर जर्मनी पर बड़ी लीड ले ली। भारतीय टीम इस समय 5-3 से आगे चल रही थी।

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गोलों की बरसात, हाफ टाइम तक भारत 3 जर्मनी 3

दूसरे क्वॉर्टर में गोल की बरसात देखने को मिली। जर्मनी ने 2 जबकि भारत ने 3 गोल दागे। भारत की ओर से हार्दिक सिंह और हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर भारत को 3-3 की बराबरी दिला दी। दूसरा गोल हार्दिक सिंह ने पेनाल्टी कॉर्नर पर दागा जबकि भारत के लिए तीसरा गोल हरमनप्रीत सिंह ने पेनाल्टी के सहारे किया। दूसरे क्वॉर्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार वापसी की। दूसरे क्वॉर्टर में कुल 5 गोल हुए।

जर्मनी ने बनाई 3-1 की बढ़त

जर्मनी ने शानदार वापसी कर भारत पर 2-1 की बढ़त बना ली थी। जर्मनी ने यह बढ़त दूसरे क्वॉर्टर के खत्म होने से छह मिनट पहले हासिल की थी। जर्मनी ने भारतीय डिफेंस को भेदते हुए तीसरा गोल दाग दिया था। इस समय जर्मनी 3-1 से आगे हो गया था।

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भारत ने किया हिसाब बराबर

भारत ने दूसरे क्वॉर्टर के शुरुआती मिनटों में गोल दागकर हिसाब बराबर कर लिया। भारत की ओर से सिमरनजीत ने शानदार गोल दागकर जर्मनी के खिलाफ भारत को 1-1 की बराबरी दिलाई। सिमरनजीत के इस गोल को देख टीम इंडिया के कोच ग्राहम रीड खुशी से उछल पड़े।

पहला क्वॉर्टर खत्म, स्कोर जर्मनी 1 भारत 0

भारत और जर्मनी के बीच ब्रॉन्ज मेडल मैच का पहला क्वॉर्टर खत्म होने के बाद जर्मनी की टीम शुरुआती 15 मिनट के खेल के बाद 1-0 से आगे थी। भारत ने पिछले कुछ मिनट में वापसी की कोशिश की लेकिन उसे सफलता हासिल नहीं हुई। पहला क्वॉर्टर जर्मनी के नाम रहा। पहले क्वॉर्टर के आखिर में जर्मनी को कई पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारत ने उन्हें दूसरा गोल करने का मौका नहीं दिया।

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जर्मनी ने दूसरे मिनट में ही दागा गोल

मैच के शुरू हुए अभी दो मिनट ही हुए थे कि जर्मनी ने गोल कर भारत पर 1-0 की बढ़त बना ली। जर्मनी ने मैदानी गोल दागा। इस समय जर्मनी की टीम भारत पर हावी होने की कोशिश कर रही थी। मैच के पहले 6 मिनट में भारतीय डिफेंडर को पता चल गया था कि उन्हें काफी सतर्क रहने की जरूरत है।

भारत ने रचा इतिहास

भारतीय टीम 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीती है। भारतीय टीम ने 1972 के बाद पहली बार टोक्यो में पूल स्टेज में 4 या इससे ज्यादा मुकाबले जीते थे।

1972 ओलिंपिक में भारत ने पूल स्टेज में 7 में से 5 मैच जीते थे। इसके बाद 2016 ओलिंपिक तक भारत ग्रुप स्टेज में 3 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाया। 1984 से 2016 तक तो भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में कभी 2 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाई थी।

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पिछले 5 सालों में खेल के लिए क्या प्रयास हुए, क्या है फ्यूचर प्लान?

  • 20 स्पोर्ट्स हॉस्टल बनकर तैयार हो चुके हैं। जहां खिलाड़ियों के रहने और उनके हिसाब से खान-पान की व्यवस्था है। यहां की लाइफ स्टाइल खिलाड़ियों के हिसाब से रखी गई है। यहां स्टेडियम, कोच और एक्सरसाइज की व्यवस्था बिल्कुल अनुकूल है।
  • हॉकी के 10 सेंटर अलग से बनाए गए हैं। जहां छोटे बच्चों को शुरुआत से ही हॉकी खेलना सिखाया जा रहा है।
  • 2018 में टाटा ग्रुप के साथ मिलकर राज्य सरकार ने कलिंग में हॉकी हाई परफॉर्मेंस सेंटर भी बनाया। यहां से 25,00 युवा खिलाड़ियों को अब तक प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
  • राज्य ने मार्च में 350 करोड़ से ज्यादा का स्टेट लेवल स्पोर्ट डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पास किया। इसके तहत स्टेडियम और हॉकी स्कूल बनेंगे।
  • राउरकेला में 20,000 की क्षमता वाला इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम बनकर 2023 तक तैयार हो जाएगा। यह देश का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम होगा।
  • भुवनेश्वर में भी कलिंगा स्टेडियम बनकर तैयार हो रहा है। 20 हॉकी स्कूल और बनकर तैयार हो रहे हैं।
  • ज्यादातर जगहों पर 14-15 साल के बाद ही बच्चे खेलों की तरफ जाते हैं। लेकिन इन स्कूलों में 3-4 साल के बच्चों से लेकर किशोरों तक के लिए कोच मुहैया करवाए जाएंगे।

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