भारी बारिश से रौद्र रूप में चंबल..डूबे गांव, पलायन को मजबूर लोग

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द लीडर हिंदी, आगरा। इन दिनों भारी बारिश से जगह-जगह हाहाकार मचा हुआ है। कहीं नदियां उफान पर है तो कहीं बाढ़ के डर से लोग पलायन करने को मजबूर है। आगरा की बात करे तो यहां एक तरफ चंबल नदीं ने रौद्र रूप धारण कर रखा है, तो वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी भी उफान पर है। बीते कई दिनों से चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

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चंबल के रौद्र रूप से 30 से ज्यादा गांवों में हाहाकार

चंबल नदी के रौद्र रूप के कारण 30 से ज्यादा गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। प्रशासन ने अबतक 300 से अधिक लोगों को गांव से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। वहीं कुछ परिवार खुद ही घर छोड़कर चले गए है। यहां भारी बारिश से उफान पर आई नदियां कहर बनकर टूट रही है। बाढ़ के कारण कई गांव डूब चुके है। लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे है।

ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा

वहीं प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीणों के लिए अस्थायी टैंट लगाकर राशन वितरण कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि, बाढ़ से पिनाहट और धौलपुर में हालात बेकाबू हो सकते हैं। गुरुवार सुबह को चंबल नदी का जलस्तर 135 मीटर पर पहुंच गया है। एसडीएम ने बताया कि, नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ की मदद के लिए डीएम को पत्र लिखा है।

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नहीं हो पाया नुकसान का आंकलन

बता दें कि, बुधवार को राजस्व की टीमें चंबल नदी में आई बाढ़ से प्रभावित गांवों में कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन करने पहुंची थी। लेकिन दिनभर बचाव कार्य चलता रहा जिस कारण नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है।ग्रामीणों के मुताबिक, 38 गांव में 50 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है।

चंबल में आई बाढ़ से ये गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए

चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर और गांव में आई बाढ़ के कारण कई गांवों का संपर्क तहसील से कट गया है। इसके साथ ही उमरेठा गांव को पूरी तरह से खाली कराया गया है। इसके साथ ही रास्तों से लेकर स्कूल और घरों में पानी ही पानी भरा हुआ है। वहीं बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है।

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चंबल के बाद यमुना नदी ने डराया

बता दें कि, चंबल नदी तो खतरे के निशान से ऊपर बह ही रही है, वहीं दूसरी आगरा में यमुना लाल निशान से तीन कदम दूर है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी उदल सिंह ने बताया कि बैराजों से डिस्चार्ज घटने के कारण यमुना में बाढ़ का खतरा टल सकता है। उधर, बाह में उंटगन में बरसात का पानी बढ़ने से यमुना में दबाब बढ़ रहा है।

यमुना में बाढ़ आई तो इतने गांव होंगे प्रभावित

वहीं यमुना नदी के बढ़े जलस्तर से विक्रमपुर में खेत डूब गए हैं। जिससे पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है। वहीं बटेश्वर में यमुना का रानी घाट भी पानी में डूब गया है। इसके साथ ही कई गांवों पर भाड़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। बता दें कि, अगर यमुना में बाढ़ आती है तो 35 से ज्यादा गांव इससे चपेट में आ सकते है।

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कई राज्यों में आफत बनकर बरस रही बारिश

बता दें कि, इन दिनों बारिश आफत बनकर बरस रही है। देश के कई हिस्सों बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, पं. बंगाल और मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने नदियां उफान पर तो है ही इसके साथ ही कहीं-कहीं तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। बंगाल में तो अब तक भारी बारिश और बाढ़ के चलते कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।

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