मॉब लिंचिंग का सच सामने आने से पहले ही जीआरपी बरेली ने छोड़ दिए आरोपी

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The Leader. दिल्ली से चलकर प्रतापगढ़ जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस में हापुड़-मुरादाबाद के बीच गुरुवार रात बड़ी घटना हुई थी लेकिन उसे युवती से छेड़छाड़ का नाम दे दिया गया था. चूंकि लड़की सामने नहीं आई, इसलिए जीआरपी मुरादाबाद ने मुक़दमा दर्ज नहीं किया लेकिन बरेली जंक्शन पर दो युवकों को जीआरपी ने पकड़ लिया था लेकिन घटना का सच जाने बग़ैर उन्हें रिहा भी कर दिया गया. अब जब यह मामला मॉब लिंचिंग का निकला तो नये सिरे से मुक़दमा दर्ज किए जाने की तैयारी है.


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शुक्रवार तक यही समझा गया कि जिस युवक को ट्रेन में पीटे जाने का वीडियो वायरल हो रहा है, उसने छेड़छाड़ की थी, इसलिए उसे पीटा गया. शनिवार को घटना नये रूप में सामने आई. ऐसा तब हुआ, जब जिस शख़्स की पिटाई की गई थी, वो सामने आ गए. इनका नाम आसिम हुसैन है और यह मुरादाबाद के रहने वाले कारोबारी हैं. वह दिल्ली से आ रहे थे. हापुड़ से चढ़े युवकों ने उनके चेहरे पर दाढ़ी होने के सबब पहले उन्हें चोर ठहराया और उसके बाद मारपीट शुरू कर दी. जयश्रीराम के नारे लगाने के लिए भी कहा. जब नारे नहीं लगाए तो कपड़े उतरवाकर पीटा गया.


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मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन के चीफ़ बैरिस्टर असदुद्दीन औवेसी के ट्वीट के बाद मामला तूल पकड़ गया. उन्होंने आसिम हुसैन की पिटाई और उनसे जय श्रीराम के नारे लगवाने को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मुसलमानों को लेकर दिए गए हालिया बयान से जोड़ा है. ट्वीट किया है कि मोहन भागवत ने एक हज़ार साल की जंग का ज़िक्र किया था. सवाल खड़ा किया कि क्या यह उसी जंग का नतीजा है. ख़ैर आसिम हुसैन के सामने आने के बाद जीआरपी ने इस मामले को अब नये सिरे से दर्ज किया है. मॉब लिंचिंग करने वालों पर कई धाराएं लगाई गई हैं. इसकी जानकारी जीआरपी के अफसरों ने मीडिया को उपलब्ध भी कराई है.


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