किसानों को बदनाम करने की सरकारी साजिश बेनकाब, जारी रहेगा आंदोलन: संयुक्त किसान मोर्चा

0
646
Government Conspiracy Defame Farmers Movement
फोटो, एएनआइ Twitter

द लीडर : 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड में जो कुछ भी हुआ. संयुक्त किसान मोर्चा ने उसके लिए सरकार को दोषी ठहराया है. ये कहते हुए कि सरकार ने किसानों को बदनाम करने की एक साजिश (Conspiracy) रची थी. जो लाल किले (Red Fort ) पर धार्मिक झंडा फराहने वाले दीप सिद्धू की करतूत से बेनकाब हो चुकी है. किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने दीप सिद्धू पर आरएसएस और भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कानून वापस न होने तक आंदोलन जारी रहेगा. (Government Conspiracy Defame Farmers Movement)

बुधवार, रात को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ये बातें कहीं. डॉ. दर्शनपाल सिंह ने संचालन किया. और बलवीर सिंह राजेवाल ने मोर्चा की बैठक के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि परेड सफल रही. इसमें 2 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर आए. लाखों लोगों ने शामिल होकर इसे ऐतिहासिक बनाया. दुनिया की नजरें परेड पर थीं, फिर भी ये सरकारी साजिश का शिकार हो गई.

राजेवाल ने कहा, जिस तरह से आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें हुईं. उसके बीच परेड 99.9 प्रतिशत शांतिपूर्वक रही. बल्कि सरकार की साजिश उजागर हो गई. क्योंकि सरकार ने पहले से ही एक पैरलर किसान संगठन बिठा रखा था. जिसे सारी सुविधाएं दी गईं.

ट्रैक्टर परेड के लिए हमने पुलिस के साथ जो पांच रूट तय किए. हमारी परेड उन्हीं रूटों पर गई. जबकि साजिश में शामिल पंजाब मजदूर संघर्ष समिति ने दिल्ली में प्रवेश कर लाल किले पर झंडा फहराने की बात कही थी. उसने ऐसा ही किया. जिसे पूरे देश ने देखा.


आंदोलन को बदनाम करने की साजिश कामयाब, किसान नेता बोले-सरकार बताए दीप सिद्धू लाल किला कैसे पहुंचे


 

उन्होंने आरोप लगाया कि दीप सिद्धू जो, गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी का खास एजेंट है. उसने लाल किले पर सारा कांड किया. सवाल उठाया कि देश के सबसे प्रमुख स्थान लाल किले से सभी पुलिस वाले चौकी छोड़कर चले गए. और 4 घंटे तक उप्रदवियों को अंदर छोड़ दिया गया. उन लोगों ने राष्ट्रध्वज के बराबर में धार्मिक झंडा फहराया और आराम से चले गए. पुलिस ने कुछ नहीं किया.

इससे देश की भावनाएं आह्त हुई हैं. किसान मोर्चा का इस कृत्य से कोई वास्ता नहीं है. चूंकि हमने परेड बुलाई थी. इसलिए हम खेद प्रकट करते हैं. 30 जनवरी को किसान एक दिन की अनशान करेंगे. 1 फरवरी का संसद मार्च स्थगति किया जाता है. अगला कार्यक्रम फिर तय करेंगे.


दिल्ली में बेकाबू ट्रैक्टर परेड में भड़की हिंसा का जिम्मेदार कौन, किसान नेताओं का किनारा


 

किसान नेता योगेंद्र याद ने कहा कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है. जो घटनाएं हुईं हम उनकी निंदा करते हैं. दीप सिद्धू और पंजाब संघर्ष समिति ने ये सारा कांड किया है. दीप की पीएम और गृहमंत्री के साथ तस्वीरें हैं. सन्नी देवल से उनके रिश्ते साफ हैं. ये सब योजनाबद्ध था.

हम देश से दीप सिद्धू के बहिष्कार की अपील करते हैं. क्योंकि लाल किले पर हम तिरंगे के अलावा कोई दूसर झंडा फहराया जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे.


दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस की गृहमंत्री को बर्खास्त करने की मांग और सुब्रमण्यम स्वामी के सवाल


पूरे घटनाक्रम के लिए पुलिस दोषी : टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि नौजवानों को हताश होने की जरूरत नहीं है. कमेटी ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया. इसके लिए सभी किसान बधाई के पात्र हैं. हिंसा के रूप में जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ, उसके लिए पुलिस प्रशासन दोषी है. किसान संगठन को बदनाम करने की ये साजिश थी. खासकर पंजाब को. ये आंदोलन पूरे देश का है. कानून वापस न होने तक जारी रहेगा.

दो महीने से जारी आंदोलन

केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले 2 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत भी हो चुकी, जिसमें कोई हल नहीं निकला. किसान कानून रद करने तो सरकार अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here