वॉशिंगटन। अमेरिकन बायो फार्मास्युटिकल कंपनी गिलियड ने भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली एक प्रमुख दवा- रेमडेसिविर की उपलब्धता को और आसान बनाने के लिए अहम भूमिका निभाने का ऐलान किया है.
कोरोना ने स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ाया भार
गिलियड साइंसेज के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी जोलेना मर्सियर ने कहा कि, भारत में COVID-19 मामलों के हालिया उछाल का विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है. और इसने स्वास्थ्य सेवाओं पर भार बढ़ा दिया है.
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कंपनी ने कहा कि, वह अपने स्वैच्छिक लाइसेंसिंग भागीदारों को तकनीकी सहायता, नई स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग फैसेलटी को जोड़ने के लिए समर्थन और सक्रिय दवा संघटक (एपीआई) के दान के जरिये तेजी से रेमडेसिविर के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है.
भारत में रेमडेसिविर को गंभीर रूप से बीमार लोगों के उपचार के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है.
भारत को साढ़े चार लाख वॉयल्स दान करेंगे
कंपनी ने कहा कि, लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार करने के लिए अपने लाइसेंसधारियों को सहायता प्रदान करने के अलावा, गिलिएड भारतीय मरीजों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए वेक्लेरी (रेमडेसिविर) के कम से कम 4,50,000 वॉयल्स भी दान करेगा.
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मर्सियर ने कहा कि, हम इस संकट से निपटने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारा मौजूदा ध्यान भारत में मरीजों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करना है. भारत में गिलिएड के सभी सात लाइसेंसधारियों ने अपने बैच के आकार को बढ़ाकर, नए मैन्युफैक्चरिंग फैसेलटी को जोड़ने और देश भर में स्थानीय अनुबंध निर्माताओं को जोड़ने के द्वारा रेमडेसिविर के उत्पादन में काफी तेजी लाई है.
रेमडेसिविर की उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद