2 मई को चुनाव परिणाम के बाद विजय जुलूस प्रतिबंधित, यूपी पंचायत चुनाव परिणामों को लेकर विशेष व्यवस्था

द लीडर। भारत में कोरोना के बेकाबू हालात को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के परिणाम आने पर जश्न मनाने पर रोक लगा दी। चुनाव आयोग ने 2 मई को मतगणना के दिन या उसके बाद विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। चुनाव आयोग ने जीते हुए उम्मीदवार को दो लोगों के साथ सर्टिफिकेट लेने की अनुमति दी है। देश में पांच राज्यों के चुनाव के परिणाम के साथ प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का भी परिणाम आना है यंहा भी जुलूस पर प्रतिबंध रहेगा।

यूपी पंचायत चुनाव के परिणाम  के लिए नई व्यवस्था

यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना की दूसरी लहर से बिगड़ते हालातों को देखते हुए  मतगणना के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब मतगणना को वहीं एजेंट को प्रवेश दिया जाएगा जिनकी कोरोना की जांच हो चुकी होगी और वह कोरोना जांच में निगेटिव रहेंगे। इसके अलावा अन्य एजेंट को पास होने के बाद भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोरोना काल चल रहा है इसको लेकर प्रशासन सख्त हो गया है और यहां भी कोरोना की जांच अनिवार्य कर दी गई है।

 पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी) में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। चार राज्यों में चुनाव समाप्त हो गया है, जबकि बंगाल में एक चरण का मतदान बाकी है। 29 अप्रैल को आठवें और आखिरी चरण का चुनाव होना है। प्रदेश में पंचायत चुनाव के चार चरणों में तीन चरण हो चुके है आखरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होना है।इससे पहले चुनाव आयोग ने यह अहम फैसला लिया है।

दरअसल, चुनाव परिणाम आने के बाद सियासी दलों के कार्यकर्ता और नेता पार्टी कार्यालयों में विजय जुलूस और जश्न मनाते हैं। लेकिन देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने किसी तरह के जुलूस कार्यक्रम नहीं करने का निर्देश जारी किया है। बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है। इसकी मुख्य वजह पांच राज्यों में हुए चुनावी रैलियों और सभाओं में जुटी भीड़ बताई जा रही है। साथ ही चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। जिसके बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को बंगाल में बाकी दो चरणों में वर्चुअल रैली करने की अनुमति दी थी। जिसके बाद सियासी पार्टियों के नेता वर्चुअल रैली के जरिए जनता को अपने -अपने उम्मीदवारों को वोट करने की अपील कर रहे हैं। 

मद्रास हाईकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने लिया फैसला

गौरतलब है कि पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी।  मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर बढ़ने के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की चुनावी सभा पर रोक नहीं लगाई, जिससे कोरोना वायरस का फैलाव तेजी से हुआ ।

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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