PM इमरान खान को भारत के पूर्व जज की सलाह-औरतों की ड्रेस नहीं #unemployment है बलात्कार की वजह

0
552
Indian Judge Pakistani PM Imran Khan Unemployment Sexual Harassments
पाक पीएम इमरान खान और जस्टिस मार्केडय काटजू.

जस्टिस मार्केंडय काटजू


 

”भारत और पाकिस्तान के बीच जो समस्याएं हैं, जंग उनका समाधान नहीं.” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का ये बयान कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद ठीक बाद आया था. जिसमें उन्होंने ये भी कहा था कि ‘युद्ध के ऐतिहासिक तजुर्बे हमारे सामने हैं. जिनसे जाहिर होता है कि युद्ध के अप्रत्याशित नतीजे आते हैं.’ इमरान के इस बयान ने मुझे काफी प्रभावित किया था. ये भी कहा था कि ‘पाकिस्तान खुद आतंकवाद से प्रभावित है. और जांच के लिए भारत की हर तरीके से मदद करने को तैयार हैं.’

लेकिन इसके बाद इमरान को लेकर मेरी राय बदल गई. हाल ही में महिलाओं की पेशाक (ड्रेस) को यौन उत्पीड़न से जोड़कर देखने का उनका जो नजरिया सामने आया है. उसने मेरी बदली राय को और पुख्ता कर दिया है.

सेक्स एक नैचुरल जरूरत है. जब कोई शख्स एक तय उम्र पर पहुंचता है. ये और जरूरत और बढ़ जाती है. कभी-कभार ऐसा भी कहा जाता है कि खाने के बाद, जो दूसरी बड़ी जरूरत है वो सेक्स होती है.


इसे भी पढ़ें – जस्टिस काटजू ने पूछा- ‘क्या योगा से भूखे, कुपोषित, गरीब-बेरोजगारों को भी फायदा होगा!’ बाबा रामदेव बताएं


 

लेकिन भारत और पाकिस्तान जैसे रूढ़ीवादी समाजों में शादी के बाद भी सेक्स की अनुमति होती है. आज कोई लड़की किसी बेरोजगार से शादी करना नहीं चाहेगी. जब समाज में हर तरफ बेरोजगार भरे पड़े हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों जगह. इस स्थिति में बड़ी संख्या में लोग वैवाहिक जीवन से वंचित हैं.

चूंकि उनमें वैवाहिक सुख की तीव्र इच्छा होती है. लेकिन बेरोजार हैं, तो शादी नहीं कर सकते. यही बलात्कार का मुख्य कारण है. यहां ये साफ करना जरूरी है कि मेरे इस तर्क का ये कतई ना अर्थ निकाला जाए कि, मैं बलात्कार को सही ठहराने की कोशिश कर रहा हूं.

बलात्कार एक अक्षम्य और जघन्य अपराध है. इसकी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. लेकिन समाज में बलात्कार की जो समस्या है. जिसके कारणों का मैंने जिक्र किया है. उनका समाधान किए बिना कमी नहीं आने वाली. फिर चाहें कितने ही कठोर कानून क्यों न बना लें, घटनाओं में कमी नहीं आने वाली.


पाकिस्तान, अरबी नहीं बल्कि हिंदुस्तानी संस्कृति का हिस्सा, पाक मीडिया में छपे लेख पर जस्टिस काटजू का जवाब, पढ़िए


 

हालांकि मैं ऐसा भी नहीं कह रहा हूं कि नौकरीपेशा मर्द बलात्कार नहीं करते हैं. मेरा तर्क बस इतना है कि बेरोजगारी बलात्कार का प्रमुख कारण है. जो हमारे देशों में रिकॉर्ड स्तर पर है.

अगर वाकई में हम बलात्कार की घटनाओं में कमी लाना चाहते हैं तो हमें समाज को बेरोजगारी मुक्त बनाना होगा. भारत और पाकिस्तान में कितनी ऐसी महिलाएं हैं, जो कम पोशाक पहनती हैं. मेरे ख्याल से यह संख्या बेहद कम है. फिर भी दोनों देशों में बलात्कार की घटनाएं आम हैं. इसलिए कम पोशाक पहने जाने को बलात्कार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. इमरान खान का पोशाक से यौन उत्पीड़न को जोड़कर देखने का नजरिया बचकाना, हल्का और मूर्खतापूर्ण है.

बलात्कार पर क्या था इमरान खान का बयान

दरअसल, पाकिस्तान में बलात्कार के लिए औरत को ही जिम्मेदार ठहराए जाने से जुड़े एक सवाल के दौरान इमरान खान ने कहा था कि अगर कोई औरत छोटे यानी कम कपड़े पहनती हैं. तो मर्दों इसका असर जरूर होगा. इसलिए क्योंकि वह इंसान हैं, न कि रोबेट. ये कॉमन सेंस है, हर कोई जानता है. उनकी इस टिप्पणी की दुनिया भर में आलोचना हो रही है.

(जस्टिस मार्केंडय काटजू सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे हैं. उनके अंग्रेजी में प्रकाशित लेख का ये हिंदी अनुवाद है.)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here