सऊदी अरब के किंग सलमान बुधवार को कई शहजादों के साथ दुनिया में बनी पहली मस्जिद क़ुबा में इबादत को गए और नमाज अदा की। इसके बाद मदीना के गवर्नर प्रिंस फैसल बिन सलमान ने कहा कि किंग सलमान ने 24 घंटे इबादत को क़ुबा मस्जिद खोलने का आदेश दिया है। प्रिंस फैसल ने यह भी कहा कि आदेश के मुताबिक सभी जरूरी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
इससे पहले, किंग सलमान ने मदीना के प्रतिष्ठित लोगों द्वारा आयोजित समारोह में सऊदी नागरिकों के बीच सद्भाव पर जोर दिया और मदीना की प्रतिष्ठा के अनुसार विकास योजनाओं की शुरुआत की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में हर कोई बराबर है, इस रियासत में कोई भी किसी के भी विरोध में मुकदमा दायर कर सकता है।
अल-एकबरिया टीवी ने कहा कि उन्होंने जिन योजनाओं की शुरुआत की, उनमें अल-मीक़त अस्पताल और एक वाटर ट्रीटमेंट हाउस प्लांट शामिल हैं। इसके अलावा किंग सलमान इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर खोला गया है, जिसमें 2500 लोगों की क्षमता एक केंद्रीय हॉल और 3 बहुउद्देश्यीय केंद्र शामिल हैं, जिनमें 500-500 लोग तक आ सकते हैं।
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क़ुबा मस्जिद की खासियत
सऊदी अरब के मदीना शहर में मौजूद क़ुबा मस्जिद दुनिया की पहली मस्जिद है। यह इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद ने बनवाई, जो सबसे अहम इस्लामी धर्मस्थलों में से एक है। बताया जाता है कि मस्जिद के पत्थरों को पैगंबर मुहम्मद ने रखा था, जब वह मक्का से मदीना पहुंचे। फिर इस मस्जिद को उनके साथियों ने पूरा किया।
पैगंबर मुहम्मद 14 दिनों के लिए इस मस्जिद में रहे और क़स्र नमाज पढ़कर हजरत अली का साैंपे गए काम को पूरा कर लौटने का इंतजार किया। पैगंबर मुहम्मद हर शनिवार को कभी पैदल या कभी घुड़सवारी करते हुए क़ुबा मस्जिद जाते थे और दो रकअत नमाज पढ़ते थे, ऐसा सही अल-बुखारी पुस्तक के दूसरे खंड में हदीस संख्या 284/285 में दर्ज है, यह बताया जाता है।
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कहा जाता है कि 20वीं शताब्दी में एक मशहूर वास्तुकार अब्दुल-वाहिद अल-वाकिल को इसे एक बड़ी मस्जिद बनाने के लिए नियुक्त किया गया था। वह पुराने डिजाइन को नई शक्ल देना चाहता था, लेकिन पुरानी मस्जिद नीचे झुक गई और नया आकार ले लिया।
इस मस्जिद का जीर्णोद्धार कई बार किया गया। इसे पुनर्निर्मित करने वाले पहले व्यक्ति थे हज़रत उस्मान इब्न अफ्फान। फिर हज़रत उमर ने क़ुबा मस्जिद की मीनारों के निर्माण का आदेश दिया। ऑटोमन साम्राज्य के दौरान, अबू यली अल-हुसैनी ने मस्जिद के अंदर एक बिंदु बनवाया, जो नमाज की दिशा निर्धारित करता है।
लगभग तीस साल पहले, 1984 में भी इस मस्जिद का जीर्णोद्धार किया गया। मस्जिद प्रांगण को बड़ा किया गया, जिससे ज्यादा लोग उसके अंदर नमाज पढ़ सकें। मस्जिद की उत्तर दिशा महिलाओं के लिए है, जहां वे निजता के साथ नमाज अदा करती हैं।
इस मस्जिद में अब चार मीनारें हैं। इसके अलावा 56 गुंबद जो इमामों और मुअज्जिनों के रिहायशी इलाकों से जुड़े हुए हैं। क़ुबा मस्जिद के साथ एक पुस्तकालय और एक शॉपिंग सेंटर भी जुड़ा है।
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