Delhi Riots : उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख मुकर्रर

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Delhi Riots Umar Khalid Sharjeel Imam
उमर खालिद और शरजील इमाम

द लीडर : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रनेता रहे उमर खालिद की, दिल्ली दंगा (Delhi Riots) मामले से जुड़ी जमानत याचिका पर 27 जुलाई को सुनवाई होगी. गुरुवार को उमर की ओर से दिल्ली की एक अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत को याचिका के बावत सूचित किया. और कोर्ट से सुनवाई की तारीख मुकर्रर किए जाने का अनुरोध किया था. (Umar Khalid Sharjeel Imam)

ये मामला राज्य बनाम ताहिर हुसैन और अन्य से संबंधित है. जिसमें उनके विरुद्ध गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियिम (UAPA) के तहत कार्रवाई की गई थी. यूएपीए मामले में दायर जमानत याचिका पर ही सुनवाई होगी.

इस बीच अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने सह-आरोपी और जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की जमानत का पक्ष रखा. अधिवक्ता मीर ने तर्क दिया, उनके मुवक्किल धारा 124-ए (देशद्रोह) 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच नफरत बढ़ाना) 505 के तहत एक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.


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मीर ने अदालत के समक्ष शरजील इमाम की स्पीच का जिक्र करते हुए कहा, ”उनके मुवक्किल का इरादा राज्य के प्रति कोई असंतोष पैदा करने का नहीं था. और किसी भी लिहाज से उनके भाषण को देशद्रोह नहीं कहा जा सकता है.”

वकील ने इमाम के भाषण का एक हिस्सा पढ़ा, जिसमें उन्होंने ”कुछ शहरों को काटने की बात कही थी.” तर्क दिया कि उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध करने को कहा. ये देशद्रोह नहीं था. जब रेल रोको देशद्रोह नहीं है तो देश को ठप करने का आह्वान देशद्रोही क्यों है?”

वह उन मुद्दों के बारे में बात करते हैं समाज जिनका सामना करता है. और कहता है कि हमें एकजुट होना चाहिए. समुदाय से यह महसूस करने का आह्वान करना कि अगर सरकारी नीति सीएए, एनआरसी अच्छी है है बुरी है. ये नाराजगी कहां पैदा कर रहा है?” मीर ने सवाल किया.


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विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि इमाम के भाषण को समग्रता से पढ़ा जाना चाहिए. और जब उनकी बारी आती है, तो वह इसे पूरी तरह से पढ़ना चाहेंगे. शरजील इमाम की जमानत याचिका पर 2 अगस्त को सुनवाई होगी.

दिल्ला दंगा साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि शरजील इमाम शाहीन बाग नाकाबंदी के “मास्टरमाइंड” थे. यह भी आरोप है कि 15 दिसंबर 2019 की देर दोपहर में इमाम ने जामिया के छात्र अरशद वारसी और उनके साथियों की मदद से शाहीन बाग में कालिंदी कुंज रोड पर, रोड नंबर 13 का चौबीसों घंटे स्थायी रोड ब्लॉक (चक्का जाम) शुरू किया था.

पिछले साल फरवरी में दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. इस मामले में जामिया और जेएनयू के कई छात्र और छात्रनेता, सामाजिक कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया था. पिछले साल सितंबर में उमर खालिद को हिरासत में लिया गया था. उनके खिलाफ दंगों की साजिश के आरोप हैं.

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