MP आजम खान के गढ़ में ओवैसी का दौरा, गाजियाबाद से चुनावी शंखनाद के राजनीतिक मायने

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Asaduddin Owaisi Azam Khan
पूर्व सीएम अखिलेश यादव, सांसद ओवैसी और सांसद आजम खान.

द लीडर : (UP Assembly Polls 2022) हैदराबाद के सांसद असदुद्​दीन ओवैसी ( Hyderabad MP Asaduddin Owaisi) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. अगले साल-2022 में यूपी का विधानसभा चुनाव है. ये यात्रा इसी संदर्भ में है. ओवैसी ने पश्चिमी यूपी के तीन जिलों को चुना है. जो धुव्रीकरण की राजनीति के लिहाज से ओवैसी के लिए बेहद मुफीद हैं. आगाज, गाजियाबाद से किया है. जिसके राजनीतिक मायने हैं. हाल की कुछ घटनाओं के सांप्रदायिक रंग के कारण गाजियाबाद खासा चर्चित रहा है. इसके अलावा संभल और मुरादाबाद वो जिले हैं, जहां के दोनों सांसद मुस्लिम हैं. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)

गाजियाबाद के डासना पहुंचे ओवैसी.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के प्रमुख ओवैसी ने यूपी की 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है. पूर्वांचल में AIMIM पूरी दमखम के साथ जनसंपर्क अभियान छेड़े हुए है. बहराइच में ओवैसी कार्यालय का उद्घाटन कर चुके हैं. पश्चिमी यूपी में ये उनका पहला दौरा है. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)


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जगह और समय, दोनों का चयन काफी सोच-समझकर किया गया है. पार्टी के राज्य प्रमुख शौकत अली के मुताबिक ओवैसी गाजियाबाद, संभल और मुरादाबाद का दौरा करेंगे. गुरुवार की सुबह वह गाजियाबाद पहुंच चुके हैं. उनका काफिला संभल पहुंचेगा, जहां वह पार्टी कार्यालय का शुभारंभ करेंगे.

इसलिए गाजियाबाद को चुना

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले गाजियाबाद राज्य का सबसे चर्चित जिला है. इसकी वजह है आपराधिक कुछ घटनाएं, जिनके सांप्रदायिक मायने हैं. पहली घटना आसिफ की पिटाई की है. यह वही आसिफ हैं, जिन्हें मंदिर में पानी पीने पर श्रृंगी नंदन यादव ने बेरहमी से पीटा था. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)

इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा था. इसके बाद गाजियायबाद में ही एक मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती ने पैगंबर-ए-इस्लाम को लेकर अर्मादित टिप्पणी की थी और हाल ही में एक मुस्लिम बुजुर्ग और इससे पहले एक अन्य युवक की पिटाई की घटनाएं भी शामिल हैं. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)

शायद इसी कारण ओवैसी गाजियाबाद से अपनी चुनावी यात्रा का आगाज कर रहे हैं. जिसमें वे मुस्लिम समाज के साथ ज्यादती का मुद्​दा उठाकर मुस्लिम समाज को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.

संभल के सांसद हैं शफीकुर्रहमान बर्क

गाजियाबाद से बाइ रोड ओवैसी संभल आएंगे. यहां शफीकुर्रहमान बर्क सांसद हैं, जो समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. बर्क अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. चुनाव के एतबर से देखें तो संभल मुस्लिम जनाधार वाली सीट है. जो एआइएमआइएम के निशाने पर है.


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पार्टी का ये दावा है कि लंबे समय से यहां मुस्लिम जन-प्रतिनिधि चुने जाने के बाद भी समाज में शिक्षा, और आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं आया है. ऐसा कहकर वह स्थानीय सांसद को निशाने पर लेने का प्रयास कर सकते हैं. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)

सपा सांसद आजम के गढ़ में ओवैसी की एंट्री

मुरादाबाद, रामपुर से सटा जिला है और मुरादाबाद कमिश्नरी के दायरे में आता है. यहां सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान सांसद हैं. और मुरादाबाद से डॉ. एसटी हसन एमपी (Dr. ST Hasan Moradabad MP) हैं. एसटी हसन, आजम खान (Rampur Mp Azam Khan) के करीबी माने जाते हैं. ओवैसी गुरुवार को मुरादाबाद भी आएंगे मुरादाबाद में हिंदू-मुस्लिम आबादी में मामूली अंतर है.

यानी जनसंख्या के लिहाज से इसे बराबरी का मान सकते हैं. यहां से लंबे समय से मुस्लिम सांसद ही चुने जाते रहे हैं. चूंकि आजम खान अभी जेल में हैं. इसलिए ओवैसी के लिए मुरादाबाद सबसे सटीक जगह है. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)


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जहां वे मुस्लिम समाज की राजनीतिक हैसियत, हिस्सेदारी और बराबरी के मुद्​दे पर बात कर सकते हैं. संभव है कि आजम खान को केंद्र में रखकर भी ओवैसी कोई संदेश देने की कोशिश करें?

मुरादाबाद और संभल में ओवैसी का दौरा पूरे रुहेलखंड को कवर करने की कोशिश है. एआइएमआइएम के नेता बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं जिलों में भी जनसंपर्क अभियान, संभाएं कर चुके हैं. इसकी जिम्मेदारी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र नेता फरहान जुबैरी खुद संभाल रहे थे, जोकि तीन-चार दिन बरेली क्षेत्र में भ्रमण करके गए हैं. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)

 

बरेली में मौलाना तौकीर की चुनौती

बरेली में ओवैसी के सामने ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान एक चुनौती के रूप में हैं. इसी बार जब बंगाल चुनाव में ओवैसी की एंट्री हुई थी. तब मौलाना तौकीर ने स्पष्ट शब्दों में चेताया था कि अगर ओवैसी बंगाल में लड़ते हैं तो वह हैदराबाद जाएंगे.

लेकिन यूपी की मौजूदा राजनीति को लेकर अभी तक मौलाना तौकीर ने अपना रुख साफ नहीं किया है. बंगाल पर उनके रुख से इतना साफ है कि वे अपने गढ़ में ओवैसी की एंट्री को स्वीकार नहीं करेंगे. ( Asaduddin Owaisi Azam Khan)

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