द लीडर : संयुक्त किसान मोर्चा के 6 फरवरी को तीन घंटे का चक्का जाम करने के आह्वान पर दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर सुरक्षा-व्यवस्था और सख्त कर दी है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने चक्का जाम को लेकर बैठक की. हालांकि किसान नेताओं ने साफ किया है कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा. इसलिए क्योंकि यहां पहले से ही सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है. (Delhi Police Borders Tightens Farmers)
बैठक के दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों से बातचीत में 6 फरवरी की सुरक्षा कड़ी करने की बात कही गई है. कृषि कानूनों को लेकर टीकरी बॉर्डर पर पिछले 72 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं. सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर का भी यही हाल है. तीनों बॉर्डर क्षेत्रों पर भारी बैरिकेड, कीलें, खांई लगाने के साथ बड़ी संख्या में सशस्त्र बल तैनात हैं.
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सिंघु बॉर्डर से किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, सभी राज्य और जिलों के हाईवे पर शनिवार को दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा. दिल्ली में पहले से ही किसान बैठे हैं. इसलिए यहां चक्का जाम वाली स्थिति नहीं है.
इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में दोहराया कि, भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है. इसका मतलब ये नहीं कि कानूनों में कोई गलती है. उन्होंने कहा कि पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी का शिकार हैं. किसानों को इस बात के लिए बरगलाया जा रहा है कि ये कानून आपकी जमीन ले जाएंगे.
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उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा पलटवार करते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है. खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं करती है.
कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 70वें दिन भी जारी है। #FarmersProtest pic.twitter.com/xVDLPGgWiO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2021
बीती 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें हिंसा हो गई थी. यहां तक कि दीप सिद्धू के नेतृत्व में बेकाबू भीड़ लाल किला पहुंची और वहां धार्मिक झंडा फहराया था. इस परेड में एक किसान की नवरीत की मौत हो गई थी. किसान आंदोलन को लेकर अब तक करीब 190 मौतें हो चुकी हैं.