यूपी में नहीं थम रहा कोरोना संक्रमण : बीते 24 घंटों में 14,803 संक्रमित मिले, योगी ने दिए दिशा-निर्देश

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द लीडर | उत्तर प्रदेश में कोरोना का चुनावी चमत्कार सामने आने लगा है। बीते 24 घंटे में 14,803 नए केस मिले हैं लेकिन 20 हजार से ज्यादा ठीक हो गए हैं। कुल एक्टिव केस की संख्या घटकर 1.1 लाख लाख रह गई है। यानी कुल एक्टिव केस भी 5 हजार कम हो गए हैं। हालांकि मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। बदायूं में महामारी से महिला और एक ढाई साल की बच्ची की मौत हुई है। मामला इस्लामनगर क्षेत्र का है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने की है। बीते 17 दिनों में अब तक 57 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

ऐक्टिव मरीजों की संख्या एक लाख के पार

प्रदेश में 24 घंटों में 2,08,308 कोरोना टेस्ट किए गए थे इसमें 14,803 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए है, जबकि इस अवधि में 20191 मरीज डिस्चार्ज हुए है। कोरोना की तीसरी लहर में डिस्चार्ज होने की ये संख्या एक दिन में सबसे ज्यादा है। हालांकि इतनी बड़ी तादाद में मरीजों के ठीक होने के बाद भी प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या में एक लाख के पार है। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अकेले 1,01,114 ऐक्टिव केस है। वहीं, सूबे में ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 1.93 फीसदी है। वहीं रिकवरी रेट घटकर 93.3 फीसदी रह गई है।


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टीकाकरण की स्तिथि 

प्रदेश में 18 साल के ऊपर के 94.54 फीसदी लोगों को कोरोना के टीकाकरण की पहली खुराक दी जा चुकी है। वहीं, 60.13 फीसदी लोगों को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी है। वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना टीकाकरण का बूस्टर डोज देने का काम भी तेजी से चल रहा है। अब तक 4,67,206 वरिष्ठ नागरिकों को एहतियाती खुराक दी जा चुकी है। इसी प्रकार 15 से 18 उम्र के 58,79,362 बच्चों में कोरोना का टीका लगाया गया है।

ओमिक्रॉन के 20 लक्षण

स्टडी के अनुसार ओमिक्रॉन के 20 लक्षण कुछ प्रकार हैं। सिरदर्द, नाक बहना, थकान, छींक आना, गले में खराश, लगातार खांसी, कर्कश आवाज, ठंड लगना या कंपकंपी, बुखार, चक्कर आना, ब्रेन फॉग, सुगंध बदल जाना, आंखों में दर्द, मांसपेशियों में तेज दर्द, भूख ना लगना, सुगंध महसूस ना होना, छाती में दर्द, ग्रंथियों मे सूजन, कमजोरी, स्किन रैशेज।

तेज गति से दिखाई देते है ओमिक्रॉन के लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा की तुलना में तेज गति से दिखाई देते है और इनका इनक्यूबेशन पीरियड भी कम होता है। ओमिक्रॉन के मरीजों में संक्रमित होने के 2 से 5 दिनों के बाद लक्षण नजर आते हैं। डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के लक्षण कम दिनों तक रहते हैं। यानी ये जितनी तेजी से दिखाई देते है, उतनी ही तेजी से चले जाते हैं। ज्यादातर लोगों में ओमिक्रॉन के लक्षण 3 से 5 दिनों तक रहते हैं।

टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

  • प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 94.54% लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 60% से अधिक आबादी कोविड टीके की दोनों डोज ले चुकी है। प्रदेश में टीकाकरण की यह स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। विगत दिवस तक 15-17 आयु वर्ग के लगभग 42℅ किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 35% पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। उच्चस्तरीय टीम-09 में कहा गया की यह सुनिश्चित किया जाए कि 22 जनवरी तक किशोर वर्ग को तथा 25 जनवरी तक प्रदेश के हर नागरिक को टीके की पहली खुराक जरूर मिल जाए। जिनकी दूसरी डोज बकाया हो, उनकी सूची तैयार कर संपर्क-संवाद बनाएं और टीकाकवर दिलाएं।
  • कोरोना के अब तक के रिकॉर्ड में एक दिन अधिकतम 38 हजार नए केस दर्ज किए गए थे। वहीं इस बार की लहर में एक दिन में अधिकतम 17 हजार केस आए हैं। ओमिक्रोन की तीव्रता और पॉजिटिविटी दर को देखें तो स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। सामान्य मरीज होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक की सलाह से अपना इलाज कर सकता है। लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जाए।

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  • कोविड की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए प्रत्येक जिले में कम से कम एक बड़ा अस्पताल डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में आरक्षित किया जाए। इस बारे में जनसामान्य के बीच प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए। अन्य अस्पताल नॉन कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध रहें। ओपीडी सेवाओं को कोविड प्रोटोकॉल का साथ संचालित रखा जाना चाहिए।
  • कोविड की नई लहर के बीच प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पारंपरिक मेले, स्नान पर्व आदि के आयोजन भी हो रहे हैं। यह कोविड प्रबंधन के यूपी मॉडल का ही एक उदाहरण है कि प्रयागराज में विशाल पारंपरिक माघ मेला सकुशल चल रहा है। कहीं से भी संक्रमण के अत्यधिक प्रसार, अथवा अन्य किसी अव्यवस्था की सूचना नहीं है। स्वास्थ्य सम्बन्धी एहतियात बरतते हुए लाखों श्रद्धालु पूजन-अर्चन कर रहे हैं। इसके लिए हमारे स्वास्थ्यकर्मी, स्थानीय प्रशासन व श्रद्धालुगण बधाई के पात्र हैं। सतर्कता-सावधानी का यह क्रम सतत बना रहे।
  • प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण में अन्य राज्यों के सापेक्ष प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 23 करोड़ 44 लाख 43 हजार से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 09 करोड़ 67 लाख से अधिक टेस्टिंग हो चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्टिंग-टीकाकरण है। टीकाकरण की जनपदवार समीक्षा की जाए। कम टीकाकरण वाले जिलों में विशेष प्रयास की जरूरत है।
  • शीतलहर और कोविड को देखते हुए असहाय, निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों और गर्भवती महिलाओं, पर विशेष ध्यान दिया जाए। रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं। पुलिस, राजस्व और नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके समुचित इलाज, भोजन आदि की व्यवस्था जरूर करे। ऐसे व्यक्ति यदि संक्रमित होते हैं तो उनके साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाना अपेक्षित है।
  • निगरानी समितियां घर-घर पहुंचे। संदिग्ध लोगों की पहचान करें, टेस्ट कराएं और मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। ग्राम्य विकास, नगर विकास तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगरानी समितियों के कार्यों की समीक्षा की जाए। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को पूर्णतः सक्रिय रखा जाए। होम आइसोलेशन के मरीजों हर दिन हाल-चाल पूछा जाए। उनके स्वास्थ्य की निगरानी होती रहे। जनपदीय आईसीसीसी में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा हर जिले की आईसीसीसी की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाए।
  • 23 जनवरी को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के व्यवस्थित आयोजन के संबंध में पुख्ता तैयारियां कर ली जाएं। परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करने अथवा युवाओं को दिग्भ्रमित करने की गतिविधियों में संलग्न/संदिग्ध अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए।

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