अफगानिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रचेंगे चीन और पाकिस्तान, मोहरा न बने तालिबान

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अफगानिस्तान में तालिबान का नियंत्रण.

द लीडर : तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्​दीन ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से सुन्नी-सूफी मुसलमान चिंतित हैं. तालिबान ने शरई कानून लागू करने का ऐलान किया है. अगर शरीयत की आड़ में तालिबान जनता पर जुल्म करता है. तो ये दुखद होगा. इस्लामिक कानून लागू करने पर तालिबान की जिम्मेदारी बनती है कि अल्पसंख्यकों के जान-माल की सुरक्षा करे. (China Pakistan India Afghanistan Taliban)

मौलाना ने कहा कि तालिबान कट्टरपंथी विचार वाला संगठन है. इसका हम पहले भी विरोध करते थे, और आज भी स्वीकार को तैयार नहीं है. मुस्लिम देशों से अपील है कि वे अफगान सरकार पर दबाव बनाएं कि वहां की अवाम पर जुल्म न हो. अल्पसंख्यक और उनके धार्मिक स्थलों की रक्षा की जाए.

अफगानिस्तान से अमेरिका की एक फ्लाइट में सवार.

अफगान दशकों से खून-खराबे का गवाह रहा है. बेशुमार कुदरती खजाना है, लेकिन देश में लंबे समय से गृहयुद्ध है. तख्तापलट और विश्व शक्तियों के हस्ताक्षेप के कारण ये देश बेहद पिछड़ गया. ताजा घटनाक्रम सामने है. सरकार पर तालिबान काबिज हो चुका है. और लोगों में खौफ में है.


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इस घटनाक्रम से वैश्विक स्तर पर इस्लम और मुसलमानों की छवि धूमिल हुई है. कई भारतीय भी अफगान में फंसे हैं. विदेशी नागरिकों की सुरक्षा चिंता का विषय है. तालिबान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे. (China Pakistan India Afghanistan Taliban)

मौलाना ने कहा कि अमेरिका ने अफगान के मुद्​दे पर पूरी दुनिया को धोखा दिया है. अमेरिका ने अफगानिस्तान में 20 साल गुजारे. आखिर क्या वजह रही कि अचानक अफगाानिस्तान से कमद खींच लिए और तालिबान का कब्जा हो गया.

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे से दक्षिण एशिया के अमन-शांति को कोई फायदा नहीं होगा. यह घटनाक्रम अफगानिस्ताान और मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा.

 

भारतीय सुन्नी-सूफी मुसलमान तालीबान की वापसी पर दुख का इजहार करता हैं. भारत के अफगानिस्तान पर बड़े एहसान हैं. अफगानिस्तान के निर्माण में अहम योगदान भी. वहां की जनता ये सब जानती है. (China Pakistan India Afghanistan Taliban)


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इसलिए तालिबान का भारत के खिलाफ इस्तेमाल न होने पाए. नई सरकार से ये आश्वासन चाहते हैं. चीन और पाकिस्तान जरूर चोंगे कि अफगानिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रची जाए. लेकिन ये तालीबान की जिम्मेदारी है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले देशों के जाल में न फसें.

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