द लीडर : उत्तर प्रदेश ब्लॉक प्रमुख चुनाव (UP Block Pramukh Chunav 2021) की तस्वीर भी जिला पंचायत अध्यक्ष इलेक्शन जैसी दिखने लगी है. गुरुवार को नामांकन है. इसलिए बुधवार को नामांकन पत्रों की बिक्री हुई. लेकिन कई जगहों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी (Samajwadi Party Candidate) पर्चा ही नहीं खरीद पाए. जिसमें कन्नौज, देवरिया भी शामिल है. इसको लेकर सपा ने सत्तारूढ़ भाजपा (BJP Government) पर चुनाव में धांधली और लोकतंत्र की हत्या का आरोप दोहराया है. (Block Pramukh Election In UP )
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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का आरोप है कि देवरिया जिले के रुद्रपुर में सपा प्रत्याशी को नामांकन पत्र के लिए परिचय पत्र नहीं दिया गया. पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण धरने पर बैठ गए. आरोप है कि पुलिस उन्हें जबरन उठा ले गई. इसी तरह कन्नौज के छिबरामऊ में सपा प्रत्याशी के हाथ से नामांकन पत्र छीन लिया गया.
अखिलेश यादव ने कहा पुलिस की मदद से भाजपा प्रत्याशी ने सपा कैंडिडेट के हाथ से पर्चा छीना है. ये घटना वीडियो में कैद हो गई. जिले के आला अधिकारी अपना मोबाइल बंद किए भाजपा के कार्यालय पर बैठे हुए हैं. इसी तरह कन्नौज के ही एक अन्य जगह नामांकन पत्र नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. Block Pramukh Election In UP )
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समाजवादी पार्टी ने कहा कि पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव और ब्लॉक प्रमुखी. दोनों में भाजपा सरकार पुलिस बल के दम पर धांधली कर रही है. पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उनके प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दिलाए जाएं. और निष्पक्षता से चुनाव कराया जाए. पार्टी ने हैरत जताई कि कई घटनाओं के वीडियो रिकॉर्ड होने के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. Block Pramukh Election In UP )
यूपी की 826 ब्लॉक प्रमुखी सीटों पर गुरुवार को नामांकन होगा. राज्य के 75 से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC)अपने-अपने ब्लॉक के प्रमुखी के चयन के लिए मतदान करेंगे. इसमें सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी सपा, दोनों पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में हैं. इसे भी पढ़ें – 2021 : भाजपा समर्थित 67 प्रत्याशी जीते, सपा ने जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण के लगाए आरोप
इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भी दोनों पार्टियां मैदान में थीं. और चुनाव संपन्न होने तक दोनों के बीच जमकर तकरार होती रही थी. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं सपा के हिस्से में महज 5 सीटें आई थीं. Block Pramukh Election In UP )
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हालांकि पूरे चुनाव भर सपा यही आरोप लगाती रही कि भाजपा ने पुलिस-प्रशासन के दम पर धांधली करके चुनाव जीता है. सपा के इन आरोपों को पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और बाद में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सिरे से खारिज कर दिया. और भाजपा के प्रति जनता के समर्थन का हवाला दिया था.
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की रार अभी थमी भी नहीं थी कि अब दोनों दल एक बार फिर ब्लॉक प्रमुखी को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. 8 जुलाई को ब्लॉक प्रमुख पद का नामांकन होगा. 9 जुलाई को नाम वापसी की अंतिम तारीख है. और 10 जुलाई को मतदान होगा. उसी दिन शाम या रात तक नतीजे घोषित हो जाएंगे. Block Pramukh Election In UP )
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लेकिन इस बीच सभी की निगाहें 8 जुलाई को होने वाले नामांकन पर टिकी हैं. वो इसलिए क्योंकि भाजपा ने कई सीटों पर निर्विरोध उम्मीदवारों की जीत की रणनीति बनाई है. जिससे सपा के खेमे में बेचैनी है. और वो धांधली की आशंका व्यक्त कर रही है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने लोकतंत्र का खुलकर मजाक बनाया. भाजपा के मुकाबले सपा के ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीते थे. भाजपा ने धन-बल और प्रशासन के दम पर जीते हुए जिला पंचायत सदस्यों का उत्पीड़न किया. और हारी बाजी जीत में बदल ली. लेकिन ये जीत लोकतंत्र की हत्या थी. वही कहानी ब्लाक प्रमुखी के चुनाव में दोहराना चाहती है. Block Pramukh Election In UP )
उन्होंने कहा कि ये कैसी विडंबना है कि ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में प्रभारी निरीक्षक क्षेत्र पंचायत सदस्यों और समर्थकों की सूची मांग रहे हैं. यह लोकतंत्र का गला घोंटने की दूसरी कवायद है. क्योंकि भाजपा जानती है कि अपने बूते कोई चुनाव जीतना उसके बस में नहीं है. छल कपट, आतंक और झूठे मुकदमों में फंसाने की तरकीबें ही उसे आती है.