UP Politics : ‘जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भाजपा नहीं डीएम और एसएसपी लड़ रहे’-अखिलेश यादव

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द लीडर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा के साथ ब्यूरोक्रेसी को निशाने पर लिया है. अखिलेश ने कहा-”जिला पंचायत अध्यक्ष का अब जो चुनाव लड़ा जा रहा है. वो भाजपा नहीं लड़ रही है. बल्कि जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM)और पुलिस अधीक्षक (SSP)लड़ रहे हैं.”

अखिलेश ने अपने पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर अपने एक बयान में कहा, ”जिला पंचायत चुनान जिस समय हो रहा था, वो सदस्यों का था. जनता ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया. उसका परिणाम ये हुआ कि सदस्य उनके नहीं चुने गए. लोकतंत्र में जिन्हें मौका मिला था, अपना अध्यक्ष बनाने, बोर्ड का गठन करने के लिए. भाजपा ने जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को लगा दिया है कि अब वही चुनाव लड़ें. भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी.”


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यूपी के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. 3 जुलाई तक चुनाव संपन्न होने हैं. राज्य के 3035 जिला पंचायत सदस्य अपने-अपने जिले के अध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे. सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है.

सपा का आरोप है कि भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर चुने हुए जिला पंचायत सदस्यों को प्रताड़ित कर रही है. उन्हें अपने पक्ष में मतदान के लिए मजबूर कर रही है. इसके लिए उन पर अवैध तरीके से मनमानी कार्रवाईयां की जा रही हैं. इसी संदर्भ अखिलेश यादव ने डीएम और एसएसपी को निशाने पर लिया है.


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जिला पंचायत अध्यक्ष के 75 पदों में 27 पद अनारक्षित हैं. 6 महिलाओं के लिए रिजर्व हैं, जबकि 16 पद आरक्षित हैं. ओबीसी के लिए 20 ओबीसी महिला के 6 पद रिजर्व हैं.

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को अपना संकल्प पत्र एक बार जरूर पलटकर देखना चाहिए. राज्य में बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं. डीजल-पेट्रोल के दामों के साथ लगातार महंगाई बढ़ रही है.

व्यापार बढ़ाने के लिएए बड़े-बड़े आयोजन किए गए. जमीन पर कितना काम हुआ. वो बताए. ये वो सवाल हैं, जिनका जवाब उन्हें देना होगा. अगर जवाब नहीं देते हैं, तो फिर चाहें कोई चेहरा ले आएं. या नाम. जनता तैयार है भाजपा को हराने के लिए.


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दरअसल, पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल, दोनों इस चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अपनी धाक जमाने की कोशिश में हैं.

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