21 जिलों में भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित ,जानें कैसे बदले कई जिलों के समीकरण

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द लीडर हिंदी, लखनऊ। यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सहारनपुर, शाहजहांपुर, बहराइच और पीलीभीत में भी भाजपा ने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों का नामांकन वापस लेने में सफलता हासिल की है। इन जिलों में भाजपा प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचित हो गए है। कई अन्य और जिलों में भी भाजपा इसी तरह के प्रयास में सफल रही।इस तरह भाजपा के 21 जिलों में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गए हैं।वंही समाजवादी पार्टी का एक जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हो गया है।

इन भाजपा प्रत्याशियों का निर्वाचन तय

बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली सिंह, मेरठ से गौरव चौधरी, गाजियाबाद से ममता त्यागी, बलरामपुर से आरती तिवारी, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, मऊ से मनोज राय, गोरखपुर से साधना सिंह, चित्रकूट से अशोक जाटव, झांसी से पवन कुमार गौतम, बांदा से सुनील पटेल, गोंडा से घनश्याम मिश्र, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, आगरा से मंजू भदौरिया और ललितपुर से कैलाश निरंजन के खिलाफ किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया, जिससे इन्हें निर्विरोध चुन लिया गया है।

पश्चिमी यूपी में भी भाजपा ने की हार की भरपाई

भाजपा जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पश्चिमी यूपी में मिली शिकस्त से हुए राजनीतिक नुकसान की भरपाई जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से कर ली है। पश्चिम क्षेत्र के 15 में से 6 जिलों में भाजपा के उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। उधर, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भी 14 जिलों में से चार जिलों में भाजपा के उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है।

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दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पश्चिम क्षेत्र में रहा। यही नहीं, वहां सपा और रालोद का गठजोड़ भी काम किया। नतीजतन जिला पंचायत सदस्य के चुनावों में भाजपा को अधिकांश जिलों में करारी शिकस्त मिली थी। इससे विरोधी दलों ने पश्चिम क्षेत्र के जिलों में भाजपा के खिलाफ हवा बनाना शुरू किया।

जानकारों का मानना है कि सरकार व संगठन के रणनीतिकारों ने विपक्ष की चाल को नाकाम करने के लिए सर्वाधिक जोर पश्चिम में ही लगाया। भाजपा पश्चिम के अधिकांश जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होकर संदेश देना चाहती है कि बाजी उसके ही हाथ है।

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आजमगढ़ में अब सपा भाजपा का मुकाबला 
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दाखिल तीन नामांकन पत्रों में से निर्दलीय प्रत्याशी ने मंगलवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। अब सपा अधिकृत उम्मीदवार विजय यादव और भाजपा के संजय कुमार निषाद के बीच सीधा मुकाबला होगा।

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सहारनपुर में बीजेपी प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन 
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा के मांगेराम चौधरी निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं, क्योंकि विपक्ष के एकमात्र प्रत्याशी जोनी उर्फ जयवीर ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। वहीं बसपा द्वारा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से भाजपा का रास्ता साफ हो गया था। सहारनपुर में अध्यक्ष पद पर विपक्ष के एकमात्र प्रत्याशी जयवीर उर्फ जोनी का भी चुनाव लड़ना मुश्किल था। मंगलवार को आखिर यही हुआ कि जयवीर ने अपना नामांकन वापस ले लिया।

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समाजवादी पार्टी को पीलीभीत में भी बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में समाजवादी पार्टी को पीलीभीत में भी बड़ा झटका लगा है। पीलीभीत सपा प्रत्याशी स्वामी प्रवक्तानंद ने मंगलवार को अपना नामांकन वापस ले लिया है। ऐसा करके वो एक बार फिर भाजपाई खेमे में पहुंच गए हैं।नामांकन वापस लिए जाने पर समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने कहा कि सपा ने बाबा को सम्मान दिया, लेकिन वो भाजपा के साथ क्यों चले गए ये तो तभी पता चलेगा जब स्वामी प्रवक्तानंद भाजपा के चंगुल से बाहर आएंगे।

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शाहजहांपुर में हो गया खेल
समाजवादी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष उम्मीदवार ने समर्थकों साथ बीजेपी जॉइन की। शाहजहांपुर जिला पंचायत अध्य्क्ष पद सपा प्रत्याशी बीनू  सिंह दल बल के साथ भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ उनके प्रस्तावक क्षेत्र के दर्जनों कद्दावर सपा पदाधिकारी भी हुए भाजपा में शामिल हो गएशाहजहांपुर में भाजपा प्रत्याशी ममता यादव निर्विरोध निर्वाचित।

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नामांकन वापसी के आखिरी दिन बागपत में बड़ा खेल

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नामांकन वापसी के आखिरी दिन बागपत में बड़ा खेल हो गया। रालोद कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन ने फर्जी महिला को बुलाकर रालोद की प्रत्याशी ममता का नामांकन वापस करा दिया है। इस मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है। उधर, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी दिल्ली से बागपत के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं कलक्ट्रेट पर रालोद कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया और उन्होंने हंगामा करते हुए जमकर बवाल किया। रालोद कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन ने ऐसा करके लोकतंत्र की हत्या की है। रालोद कार्यकर्ता नामांकन वापस की मांग को लेकर जमकर हंगामा कर रहे हैं।वहीं रालोद कार्यकर्ताओं ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि ममता तो राजस्थान में हैं। कोई और महिला उनके नाम पर उनका पर्चा वापस ले गई है। रालोद विधायक और कार्यकर्ता कलक्ट्रेट में हंगामा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर मांग पूरी नहीं की गई तो हंगामा जारी रहेगा।

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