यूपी चुनाव से पहले पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों को दिया ‘कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ का तोहफा, जानिए क्या है बुद्ध की भूमि का इतिहास ?

0
281

द लीडर। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने आज यूपी वासियों को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में बड़ा तोहफा दिया है. पीएम मोदी ने आज कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, कुशीनगर का विकास, केंद्र और राज्य सरकार दोनों की प्राथमिकता है.


यह भी पढ़ें: काबू में कोरोना : देश में 99 करोड़ से ज्यादा दी गई वैक्सीन डोज, दुनिया में एक्टिव केस मामले में 11वें नंबर पर भारत


 

एयरपोर्ट से कुशीनगर पर्यटन को फायदा, मिलेगा रोजगार

पीएम मोदी ने कहा कि, इस एयरपोर्ट से कुशीनगर पर्यटन को फायदा होगा और साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. वहीं अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि, कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सिर्फ हवाई संपर्क का साधन नहीं होगा. किसान हों, पशुपालक हों, दुकानदार हों, मजदूर हों, स्थानीय उद्योगपति हों-इससे सभी को फायदा होगा यह व्यापार का पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा सबसे ज्यादा फायदा पर्यटन को मिलेगा, इससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि, मेरी खुशी आज दोगुनी है. कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दशकों की आशाओं और उम्मीदों का परिणाम है आध्यात्मिक यात्रा के बारे में उत्सुक होने के नाते, मुझे संतुष्टि की अनुभूति होती है. पूर्वांचल क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में यह एक प्रतिबद्धता की पूर्ति का समय है कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कई मामलों में बेहद खास है. क़रीब 260 करोड़ रूपए की लागत से बना ये नया टर्मिनल 3600 स्क्वायर मीटर में फैला है. इस एयरपोर्ट पर एक साथ 300 यात्रियों को सम्भालने की क्षमता मौजूद है कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यूपी के 15 ज़िलों के क़रीब दो करोड़ यात्रियों को फायदा पहुंचेगा. इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी व पश्चिमी बिहार के उन नागरिकों को लाभ होगा जो नौकरी के लिए दूर के शहरों में रहते हैं।


यह भी पढ़ें:  पहाड़ों पर ‘आफत’ तो दिल्ली के लिए ‘वरदान’ बनी बारिश, रिकॉर्ड बारिश के बाद बदली दिल्ली की फिज़ा


 

कुशीनगर बौद्ध धर्म से जुड़े यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र

बता दें कि, भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थल होने के कारण कुशीनगर बौद्ध धर्म से जुड़े दक्षिण एशियाई देशों के यात्रियों के लिए तीर्थ स्थल और आकर्षण का केंद्र है. कुशीनगर में पहले से ही बड़ी तादात में विदेशों से बौद्ध पर्यटक आते रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग के अनुसार, एयरपोर्ट के बन जाने से इसमें 20% पर्यटकों की बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है एयरपोर्ट से सभी पर्यटकों को बहुत सुविधा हो जाएगी जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।

उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने क्या क्या कहा ?

  • भारत, विश्व भर के बौद्ध समाज की श्रद्धा का, आस्था का, केंद्र है. आज कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ये सुविधा, उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है. भगवान बुद्ध के ज्ञान से लेकर महापरिनिर्वाण तक की संपूर्ण यात्रा का साक्षी ये क्षेत्र आज सीधे दुनिया से जुड़ गया है.

  • भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों को विकसित करने के लिए, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए, श्रद्धालुओं की सुविधाओं के निर्माण पर भारत द्वारा आज विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुशीनगर का विकास, यूपी सरकार और केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है.

  • उड़ान योजना के तहत बीते कुछ सालों में 900 से अधिक नए रूट्स को स्वीकृति दी जा चुकी है, इनमें से 350 से अधिक पर हवाई सेवा शुरु भी हो चुकी है. 50 से अधिक नए एयरपोर्ट या जो पहले सेवा में नहीं थे, उनको चालू किया जा चुका है.

  • देश का एविएशन सेक्टर प्रोफेशनली चले, सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता मिले, इसके लिए हाल में एयर इंडिया से जुड़ा बड़ा कदम देश ने उठाया है. ये कदम भारत के एविएशन सेक्टर को नई ऊर्जा देगा. ऐसा ही एक बड़ा रिफॉर्म डिफेंस एयरस्पेस को सिविल यूज़ के लिए खोलने से जुड़ा है.

  • हाल ही में पीएम गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान भी लॉन्च किया गया है. इससे गवर्नेंस में तो सुधार आएगा ही ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क हो, रेल हो, हवाई जहाज़ हो, ये एक दूसरे को सपोर्ट करें, एक दूसरे की क्षमता बढ़ाएं.


यह भी पढ़ें:  यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 40% टिकट महिलाओं को देगी : प्रियंका गांधी


 

मुख्यमंत्री योगी ने पीएम मोदी का आभार जताया

एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का आभार जताया. उन्होंने कू पर लिखा, ‘’कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक उन्नयन का आधार बनेगा और राजकीय मेडिकल कॉलेज पूर्वी​ उ.प्र. के लिए वरदान सिद्ध होगा. यूपी में विश्वस्तरीय चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में यह नए युग का सूत्रपात है. आभार प्रधानमंत्री जी!”

जानिए क्या है कुशीनगर का इतिहास ?

बुद्ध के जन्म से पहले कुशीनगर को कुसावती और बुद्ध के जन्म के बाद कुशीनारा नाम से जाना जाता था. छठी शताब्दी ईसा पूर्व में यह सोलह महाजनपदों में से एक थी. कुशीनगर मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त, हर्ष और पाल वंश के साम्राज्य का एक अभिन्न अंग था. इतिहासकारों के मुताबिक कुशीनगर, कोसल साम्राज्य की राजधानी थी. इसकी स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी. जबकि बौद्ध धर्म के अनुसार इसका नाम कुशावती पहले ही रखा जा चुका था. कुशावती का नामकरण यहां पाए जाने वाले कुश घास के कारण हुआ था. कुशीनगर बौद्ध धर्म का प्रमुख स्थान है. यहीं पर भगवान बुद्ध को निर्वाण प्राप्त हुआ था. यहां पर कई प्राचीन स्तूप हैं जिनका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था. कुशीनगर में गौतम बुद्ध की कई मंदिर बनी हुई है.


यह भी पढ़ें:  उत्तराखंड में कुदरत का कहर : भारी बारिश से कुमाऊं में बाढ़ जैसे हालात, रामगढ़ में फटा बादल, अब तक कई लोगों की मौत


 

19वीं शताब्दी में परातत्व सर्वेक्षणकर्ता अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा की गई पुरातात्विक खुदाई में भगवान बुद्ध की 6.10 मीटर लंबी प्रतिमा मिली. इसके बाद 1905 से 1907 तक पुरातात्विक अभियानों की खोज जारी रही जिसमें बौद्ध से जुड़ी कई अन्य वस्तुएं मिली. साल 1903 में बर्मा संन्यासी और चंद्र स्वामी भारत आए और महापरिनिर्वाण मंदिर को एक जीवित मंदिर का रूप दिया. आजादी के बाद कुशीनगर, देवरिया जिले का हिस्सा रहा. 13 मई साल 1994 को इसे कुशीनगर को अलग जिला बना दिया गया.

भौगोलिक स्थिति

कुशीनगर 2906 स्क्वायर किलोमीटर में बसा हुआ है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर स्थित है. गोरखपुर से इस जिले की दूरी लगभग 51 किलोमीटर है. कुशीनगर से 20 किलोमीटर पूर्व में बिहार राज्य है. इस जिले की आबादी लगभग 3,564,544 है. पुरूषों की संख्या 1,818,055 और महिलाओं की संख्या 1,746,489 है. कुशीनगर के अंतर्गत 6 तहसील, 19 पुलिस स्टेशन और 1620 गांव आते हैं. यहां हिंदी और भोजपुरी बोली जाती है. कुशीनगर की साक्षरता दर 2011 की जनगणना के अनुसार 78.4 है.


यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में जानलेवा सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ तनी मुट्ठियां


 

पर्यटन स्थल

महानिर्वाण मंदिर

कुशीनगर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक महानिर्वाण मंदिर है. यहां बुद्ध की 6.10 मीटर लंबी प्रतिमा स्थापित है. यह प्रतिमा साल 1876 में खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी. प्रतिमा चुनार के बलुआ पत्थरों को काटकर बनाई गई थी. अभिलेखों से पता चलता है कि इस प्रतिमा का संबंध पांचवीं शताब्दी से है.

निर्वाण स्तूप

इस स्तूप की खोज साल 1876 में हुई थी. इसकी ऊंचाई 2.74 मीटर है. खुदाई के दौरान एक तांबे की नाव मिली. इस पर खुदे अभिलेखे के अनुसार इसमें बुद्ध की चिता की राख रखी गई थी.

माथाकुंवर मंदिर

यह मंदिर निर्वाण स्तूप से 400 गज की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा का संबंध 10-11 वीं शताब्दी से है. खुदाई के दौरान एक मठ के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं.

रामभर स्तूप

महापरिनिर्वाण मंदिर से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर 15 मीटर ऊंचा रामाभर स्तूप स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यहां पर महात्मा बुद्ध को दफनाया गया था.


यह भी पढ़ें:  बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कब तक : बीते 5 सालों में 2021 सबसे खतरनाक रहा, पढ़ें पूरी खबर


 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here