यौन उत्पीड़न के आरोप में 8वीं का छात्र गिरफ़्तार, ग्रामीणों का दावा हिस्ट्रीशीटर महिला ने लड़की की फर्जी मां बन कराया केस

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Bareilly Sexual Harassments case
बरेली एसएसपी के यहां शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण.

द लीडर : उत्तर प्रदेश के ज़िला बरेली में यौन उत्पीड़न के मामले आठवीं कक्षा के एक नाबालिग छात्र पर कार्रवाई से ग्रामीण भड़क गए. उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं. इस दावे के साथ कि गांव की एक हिस्ट्रीशीटर महिला ने लड़की की फर्जी मां बनकर छात्र को ग़लत तरीके से फंसाया है. ग्रामीणों ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से मुलाक़ात कर इंसाफ मांगा है. (Bareilly Sexual Harassments case)

घटनाक्रम थाना शेरगढ़ क्षेत्र के एक गांव का है. जहां 8वीं के एक छात्र, जिसकी उम्र कोई 13 साल है. उस पर गांव की ही एक लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस मामले में आरोपी छात्र को गिरफ़्तार कर बाल सुधार केंद्र भेजा गया है.

लेकिन इस मामले में तब नया मोड़ आ गया, जब गांव की दर्जनों महिलाएं और पुरुष एसएसपी के यहां पहुंच गए. उन्होंने दावा किया कि छात्र को फंसाया गया. और इस मामले में गांव ही एक महिला मास्टरमाइंड है, जोकि हिस्ट्रीशीटर है. महिला का पति और बेटा भी हिस्ट्रीशीटर है. और अवैध कामों की वजह से कई बार जेल भी जा चुके हैं.


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इन्हीं लोगों ने छात्र को यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि इनकी शह पर ही कच्ची शराब और अवैध वसूली का धंधा चलता है. जो कोई भी विरोध करता है तो उसे इसी तरह से ग़लत मामलों में उलझा देते हैं. ग्रामीणों ने एसएसपी से पूरे मामले की जांच कराकर न्याय की गुहार लगाई है. (Bareilly Sexual Harassments case)

एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में एक ग्रामीण ने ये भी दावा किया है कि, छात्र पर जिस लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया. यही हिस्ट्रीशीटर महिला उस लड़की की फर्जी मां बनी है. जबकि हकीक़त में वो उसकी मां नहीं है. ग्रामीणों का ये आरोप बेहद संगीन है. स्थानीय पुलिस का कहना है कि मामले की जांच करके ही कार्रवाई की गई है.

शेरगढ़ थाने के इंचार्ज विक्रम सिंह ने बताया कि, लड़की के माता-पिता नहीं हैं. और वह अपनी ताऊ के यहां रहती हैं. शिकायतकर्ता उनके संरक्षक हैं. लेकिन शिकायत में महिला ने लड़की का संरक्षक, बड़ी मां-रिश्तेदार बताया है या फिर सीधे मां लिखवाया है. इस पर विक्रम सिंह ने कहा कि उन्होंने मां ही लिखवाया है.

पुलिस के मुताबिक लड़की के पैरेंट्स उनके साथ नहीं हैं, तो उनके ताऊ और बड़ी मां ही संरक्षक हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि लड़की उस महिला की मां नहीं हैं, जिन्होंने केस दर्ज़ कराया है. तकनीकी रूप से जिस महिला ने शिकायत दर्ज़ कराई है, वह उनकी बायोलॉजिकल मां नहीं हैं. और पुलिस भी इस तथ्य को मान रही है. लेकिन वह उनकी संरक्षक ज़रूर हैं, जो लड़की की परवरिश कर रही हैं. लेकिन इस केस में कुछ सवाल ज़रूर पैदा हो गए हैं. संभव है कि पुलिस उनके जवाब तलाश करेगी. (Bareilly Sexual Harassments case)


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