नाइजीरिया में हथियारबंद चरवाहों ने की 45 किसानों की हत्या, दर्जनों घायल

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नाइजीरिया में लंबे अरसे से कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल दिखाई देती है। ताजा हिंसा में हथियारबंद चरवाहों ने बर्बर हिंसा में 45 किसानों की हत्या कर दी, जबकि दर्जनों घायल हैं। नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने यह तस्दीक की है कि देश के मध्य नसरवा राज्य में किसानों और चरवाहों के बीच हुई हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए हैं। (Shepherds Kill Farmers Nigeria)

मंगलवार देर रात एक बयान में, राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी के कार्यालय ने कहा कि शुक्रवार को हुई हिंसा में लगभग 45 किसान मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। बुहारी ने “दिल दहला देने वाली” हत्याओं पर दुख जताते हुए कहा कि उनकी सरकार “इस मूर्खतापूर्ण और बर्बर घटना के अपराधियों को पकड़ने और उन्हें न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी”।

स्थानीय पुलिस ने कहा कि हिंसा तब शुरू हुई जब सशस्त्र फुलानी चरवाहों ने तिव जातीय समूह के ग्रामीणों पर एक रिश्तेदार की हत्या का दोषी ठहराकर हमला किया। हमले के बाद पुलिस ने शुरुआत में आठ लोगों की मौत की सूचना दी थी।

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नसरवा राज्य पुलिस के प्रवक्ता रामहन नानसेल ने कहा था कि शांति बहाली और अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए सेना और पुलिस की टीमों ने इलाके में मोर्चा संभाल लिया है।

“हमें एक फुलानी चरवाहे की हत्या की शिकायत मिली थी, लेकिन जब जांच चल रही थी तो हांगारा गांव और पड़ोसी केवेरो गांव में प्रतिशोध के रूप में हमला किया गया, हमलों में आठ लोग मारे गए और उनके शवों को पुलिस ने बरामद कर अस्पताल भेजा।”, प्रवक्ता ने कहा था। (Shepherds Kill Farmers Nigeria)

लेकिन टिव डेवलपमेंट एसोसिएशन के पीटर अहेम्बा ने कहा कि मरने वालों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा, “हमने लफिया, ओबी और अवे जिलों के 12 गांवों में हुए हमलों में मारे गए लोगों की 20 से ज्यादा लाशें बरामद कीं, जहां से लगभग 5 हजार लोगों ने इलाका छोड़ दिया है”। उन्होंने कहा कि कई लोग अभी भी लापता हैं।

मध्य नाइजीरिया में चराई और पानी के अधिकारों को लेकर खानाबदोश पशुपालकों और स्थानीय किसानों के बीच घातक संघर्ष आम हैं। हाल के वर्षों में अंदरूनी संघर्ष ने एक जातीय और धार्मिक आयाम ग्रहण कर लिया है। फुलानी चरवाहे मुस्लिम हैं, जबकि किसान मुख्य रूप से ईसाई हैं।

इस झगड़े की जड़ें एक सदी से भी ज्यादा पुरानी हैं। सूखे, जनसंख्या वृद्धि, कृषि का विकास न होने और खराब शासन व्यवस्था ने झगड़े को दिन ब दिन बढ़ा दिया।

सालभर में ही कई बार हुआ कि गांवों में छापेमारी करने वाले चरवाहों की आड़ में पशु चोरों के आपराधिक गिरोहों ने हिंसा की, हत्याएं की और घरों को लूट कर जला दिया। (Shepherds Kill Farmers Nigeria)

नसरवा राज्य के राज्यपाल अब्दुल्लाही सुले ने फुलानी चरवाहों और तिव किसानों के हत्यारों का पर्दाफाश कर सजा देने का वादा किया है।

सहारा रिपोर्टर्स समाचार साइट के जरिए उन्होंने कहा “हमारे नागरिकों के जीवन का बेवजह नुकसान हुआ है। हिंसा का ऐसा कृत्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और अस्वीकार्य है और इसे माफ नहीं किया जाएगा।

Source: Aljazeera and Agencies


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