#NewVariant: एक और खतरनाक वैरिएंट…जो तेजी से कम कर रहा वजन?

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द लीडर हिंदी। कोरोना वायरस अपना रूप बदल-बदलकर लोगों पर हमला कर रहा है. देश में अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के बाद अब एक और नए वैरिएंट का खुलासा हुआ है, जो महज सात दिन में ही मरीज का वजन कम कर सकता है.

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ब्राजील में सबसे पहले मिला ये वैरिएंट

बता दें कि, वायरस का यह वैरिएंट ब्राजील में सबसे पहले मिला था. लेकिन वहां से एक ही वैरिएंट के भारत में आने की पुष्टि की गई थी. वहीं अब वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि, ब्राजील से एक नहीं बल्कि दो-दो वैरिएंट भारत में आए हैं. और ये दूसरा वैरिएंट बी .1.1.28.2 काफी तेज है.

संक्रमित होने के 7 दिन में ही होगी वैरिएंट की पहचान 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस नए वैरिएंट का परीक्षण एक चूहे (सीरियाई हैमस्टर प्रजाति के चूहे) पर किया था, जिसमें पता चला है कि, संक्रमित होने के 7 दिन में ही इस वैरिएंट की पहचान की जा सकती है.

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शरीर का वजन तेजी से कम करता है ये वैरिएंट

यह इतना खतरनाक है कि, मरीज के शरीर का तेजी से वजन कम कर सकता है. साथ ही डेल्‍टा वेरिएंट की तरह यह भी एंटीबॉडी क्षमता को कम कर सकता है.

बाहर से आए दो लोगों में मिला ये खतरनाक वैरिएंट

पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) की डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया कि, बी.1.1.28.2 वैरिएंट बाहर से आए दो लोगों में मिला था. जिसकी जीनोम सीक्वेसिंग करने के बाद परीक्षण भी किया. ताकि उसके असर के बारे में पता चल सके.

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बेहद जरूरी है सतर्कता बरतना

अभी तक भारत में इसके बहुत अधिक मामले नहीं है. जबकि डेल्टा वैरिएंट सबसे ज्यादा मिल रहा है. हालांकि सतर्कता बेहद जरूरी है क्योंकि एंटीबॉडी का स्तर भी कम करता है जिसके चलते दोबारा से संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है.

अलग-अलग रूप लेकर आ रहा कोरोना

उन्होंने बताया कि, इसी साल जनवरी में कोरोना वायरस के पी-1 वंश का पता चला जिसे 20जे/501वाईवी3  नाम से भी जाना जाता है. इसमें 17 तरह के स्पाइक प्रोटीन पर बदलाव देखे गए थे जिनमें एन501वाई, ई484के और के417एन शामिल हैं. इसी दौरान पी-2 वंश भी भारत में आया था जिसके बारे में अब पता चला है.

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विदेश से लौटे यात्रियों में मिल रहा वैरिएंट

इस वायरस के स्पाइक प्रोटीन में ई484 के नामक अमीनो एसिड बदलाव मिला है. लेकिन इसमें एन501वाई और के 417एन नामक परिवर्तन नहीं हैं. सरकार ने विदेश यात्रा से लौटे सभी यात्रियों के सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग को अनिवार्य किया है. इसीलिए नए वैरिएंट के बारे में पता चल पाया है.

नौ में से तीन सीरियाई हैमस्टर की मौत

विदेश यात्रा से लौटे 69 और 26 वर्षीय दो लोगों के सैंपल की सिक्वेसिंग की गई थी. रिकवरी होने के तक ये दोनों रोगियों में लक्षण नहीं था लेकिन इनके सैंपल की सीक्वेसिंग के बाद जब बी.1.1.28.2 वैरिएंट का पता चला तो उसका नौ सीरियाई हैमस्टर पर सात दिन के लिए परीक्षण किया.

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वहीं इनमें से तीन की मौत शरीर के अंदुरुनी भाग में संक्रमण बढ़ने से हुई. इस दौरान फेफड़े की विकृति के बारे में भी पता चला और साथ ही एंटीबॉडी का स्तर कम होने के बारे में भी जानकारी मिली है.

इंसान-सीरियाई हैमस्टर पर अलग परिणाम

इस अध्ययन में यह देखने को मिला है कि, जिन दो लोगों में यह वैरिएंट मिला, वे बिना लक्षण वाले थे लेकिन जब इस वैरिएंट से सीरियाई हैमस्टर को संक्रमित किया तो गंभीरता के बारे में पता चला.

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इंसानों पर काफी गंभीर हो सकता है इसका असर

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस के ज्यादातर परीक्षण सीरियाई हैमस्टर पर हो रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि. अगर बी.1.1.28.2 से जुड़े मामले बढ़ते हैं तो इसका असर इंसानों पर काफी गंभीर हो सकता है.

 

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