यूपी : कासगंज में पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत, पिता बोले-”बेटे की हत्या की गई”

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Altaf Died Kasjganj Police
मृतक अल्ताफ.

द लीडर : चाहत मियां ने अपने 21 साल के बेटे अल्ताफ को खुद पकड़कर पुलिस के हवाले किया था. इसलिए क्योंकि बेटे पर कथित रूप से गैर-समुदाय की लड़की भगाने का आरोप था. लेकिन चाहत मियां को 24 घंटे बाद बेटे अल्ताफ की लाश मिली है. पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई. चाहत मियां का आरोप है कि अल्ताफ की हत्या की गई है. चूंकि, मैंने खुद ही बेटे को पुलिस के हवाले किया था, इसलिए उम्मीद तो यही है कि पुलिस ने ही ये हत्या की है. (Altaf Died Kasjganj Police )

घटना उत्तर प्रदेश के कासगंज कोतवाली की है. पुलिस कस्टडी में अल्ताफ की मौत पर पुलिस ने जो तर्क दिया है, उस पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. पुलिस ने कहा कि अल्ताफ ने हवालात में नाड़े से फांसी लगा ली. उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. जहां 10 मिनट में उनकी मौत हो गई.

फांसी हवालात में लगाई और टंकी से नाड़ा बांधकर अल्ताफ लटक गए. ये पुलिस का दावा है, जो न ही अल्ताफ के परिवार और न किसी दूसरे के गले उतर रहा है. इस घटना को लेकर पूर्व आइएएस अधिकारी ने कहा, नाड़े से बाथरूम की 2 फिट ऊंची टोंटी से 5.6 फिट के अल्ताफ लटक कर मर गए, सिंपल. यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती है. पिछले महीने आगरा में अरुण बाल्मिकी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी. तो भी यही स्क्रिप्ट थी.


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कासगंज के एसपी रोहन पी बोत्रे ने कहा कि आइपीसी की धारा-363 और 366 के आरोप में अल्ताफ को थाने लाया गया था. पूछताछ के दौरान उन्होंने वॉशरूम जाने का अनुरोध किया. अल्ताफ ने काले रंग का जैकेट पहन रखा था. वॉशरूम में नाड़े से नल की टंकी में फांसी लगा ली. काफी देर बाहर न आने पर पुलिस वाले अंदर गए तो वह बेहोश मिला. जहां से नजदीक के अस्प्ताल ले जाया गया. 5-10 मिनट के उपचार के दरम्यान उनकी मौत हो गई. लापरवाही के मामले में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

कांग्रेस अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अल्ताफ की मौत पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में अल्ताफ के हत्यारे पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो. भाजपा सरकार में पुलिस थाने निर्दोषों की जाने लेने का अड्डा बन गए हैं.

 

आरजेडी के नेता और मनोझ ने कहा कि, अल्ताफ ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि टोंटी पर चढ़कर स्वयं कानून व्यवस्था ने आत्महत्या सुनिश्चित की है.

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