पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से यूपी में विकास को मिलेगी रफ्तार : एक्सप्रेस-वे पर जल्द भर्राटा भरेंगे वाहन

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द लीडर। यूपी की जनता को अब जल्द ही बड़ी सौगात मिलने जा रही है जी हां अब प्रदेशवासियों को जल्द ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है। पीएम मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर सकते हैं। बता दें कि, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जनता को काफी राहत मिलेगी। इसके जरिए 301 किमी का सफर करीब 3.50 घंटे में पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।

टोल टैक्स में 25 फीसद मिलेगी छूट

बता दें कि, सरकार को इस एक्सप्रेस-वे के जरिए टोल के रूप में 202 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। अभी तो कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा। टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया गया है। यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और दोनों छोर पर बने टोल प्लाजा से आने-जाने पर टोल टैक्स लगेगा। माना जा रहा है कि, इसकी दरें लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की दरों के आसपास ही रहेंगी। इस नवनिर्मित एक्सप्रेसवे पर फिलहाल रोजाना 15 से 20 हजार वाहन गुजरेंगे। यह तादाद धीमे-धीमे और बढ़ेगी। यूपीडा की कोशिश है कि, पूर्वी यूपी व बिहार से आने वाले लोग दिल्ली नोएडा जाने के लिए इस एक्सप्रेसवे के अलावा लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे का भी इस्तेमाल करें। इससे इस एक्सप्रेस वे का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। इसके साथ ही टोल के जरिए यूपीडा की आमदनी भी बढ़ेगी।


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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का रूट

मौजूदा समय में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 9 जिले लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाज़ीपुर से होकर गुजरेगा। इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय गांव से शुरू होगा।

सुरक्षित यात्रा के लिए कई पुख्ता इंतजाम

301 किमी के एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित यात्रा के लिए कई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। हादसे का सबब बनने वाले पशुओं को रोकने के लिए दोनों तरह फेंसिंग की गई है। इसके अलावा इन आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कई टीमें एक्सप्रेस पर तैनात की गई हैं। दुर्घटना की स्थिति में हर पैकेज में लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त दो-दो एंबुलेंस तैनात की गई हैं। सैनिक कल्याण बोर्ड ने यहां सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। 20 पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए गए हैं। क्रैश बैरियर भी लगाए गए हैं।

पीएम के कार्यक्रम को पीएमओ की हरी झंडी

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को सुल्तानपुर में कूडेभार स्थित एयरस्ट्रिप पर दोपहर 2.30 बजे लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस प्रस्तावित कार्यक्रम की पुष्टि कर दी है। लखनऊ से गाजीपुर तक के सफर के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 16 नवंबर से जनता के लिए खुल जाएगा। प्रधानमंत्री के समक्ष भारतीय वायु सेना के आधुनिक लड़ाकू विमान एयरस्ट्रिप पर उतरेंगे व यहीं से उड़ान भरेंगे। आपात स्थितियों में इस एयरस्ट्रिप का उपयोग यह विमान कभी भी कर सकेंगे।


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60 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्सप्रेस वे का प्रेजेंटेशन देख चुके हैं। यह एक्सप्रेस वे पूर्वांचल के विकास की रफ्तार को तेज कर देगा। इसके उद्घाटन होने से करीब 60 लाख लोगों को रोजगार मिलने का रास्ता साफ होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के इस महीने पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन हो जाने के बाद सिर्फ आठ घंटे में दिल्ली से वाराणसी लोग पहुंच सकेंगे। यह एक्सप्रेस वे करीब 341 किलोमीटर का ये हाईवे लखनऊ और गाजीपुर को जोड़ता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांदसराय से शुरू होकर बिहार-यूपी बॉर्डर पर खत्म होता है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2018 में इसका शिलान्यास भी किया था। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 16 नवंबर से वाहन फर्राटा भरेंगे।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से विकास को मिलेगी रफ्तार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक 6 लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू करवाया था। एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340.824 किमी है और इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है। सरकार का दावा है कि, यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ उद्योग धंधों का रास्ता खोलेगा बल्कि पूर्वांचल के विकास को रफ्तार देने के साथ क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।

दिल्ली से बिहार भी आ जाएगा करीब

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पैकेज चार में अरवलकीरी करवत में हवाई पट्टी बनाई गई है। यह 3.5 किलोमीटर लंबी है। है। इसमें जयसिंहपुर तहसील के आठ गांव अरवलकीरी करवत, गौरा, जफरापुर, दखिनवारा, खरसोमा, अकोढ़ी, करौते व फुलौना के किसानों की भूमि ली गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से न सिर्फ यूपी के बल्कि बिहार के लोगों को भी फायदा मिलेगा। इसके उद्घाटन के बाद अब दिल्ली से बिहार तक का सफर भी आसान हो जाएगा। दिल्ली से यमुना एक्सप्रेसवे से आगरा और फिर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से लखनऊ तक का सफर पूरा होगा।


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अब यूपी में पांच पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होने वाले हैं

इसके बाद लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से गाजीपुर आसानी से पहुंचा जा सकेगा। गाजीपुर से बिहार बॉर्डर की सीमा सिर्फ 20 किमी दूर है। सीएम योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने से पहले उत्तर प्रदेश में दो ही एक्सप्रेस वे थे। अब उत्तर प्रदेश में पांच पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होने वाले हैं।

एक नजर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

शिलान्यास – 14 जुलाई 2018 को पीएम मोदी ने किया शिलान्यास
कहां से कहां तक- NH 56 पर स्थित चांदसराय (लखनऊ) से NH-19 पर स्थित हैदरिया (गाजीपुर) तक।
लंबाई – 340.824 किलोमीटर, 6 लेन
लागत – 22,494,66 करोड़ रुपए
इन जिलों से गुजरेगा – लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ, मऊ, गाजीपुर
निर्माण- ई पी सी मोड (अभियांत्रिकी, क्रय व निर्माण) में निर्माण
पैकेज- आठ पैकेज में हो रहा काम
एयर स्ट्रिप – लड़ाकू विमानों की लैंडिंग के लिये सुलतानपुर में एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन किमी की एयरस्ट्रिप
अन्य- परियोजना में 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवरब्रिज और सात लंबे पुल, 118 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज टोल प्लाजा, 271 अंडरपास व 502 पुलिया बनाई जाएगी।


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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की 5 बड़ी बातें

– लखनऊ से आजमगढ़ और मऊ होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम हो जाएगी, वहीं व्यापार और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी।

– छह लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ को आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर और अमेठी जैसे आर्थिक रूप से कम विकसित जिलों से जोड़ेगा। बाद में इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा।

– इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए नई दिल्ली से जुड़ जाएंगे और यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के गांव चांद सराय से शुरू होकर गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव में खत्म होगा।

– पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की परियोजना लागत लगभग 22,494.66 करोड़ रुपये है, जिसमें जमीन की लागत भी शामिल है।

– पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उपयोग भारतीय वायु सेना के विमानों के लिए एक इमरजेंसी रनवे के रूप में भी किया जाएगा। यह भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को आपात स्थितियों के लिए हवाई पट्टी के रूप में उपयोग करने की अनुमति देगा।

 


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