प्याज-टमाटर के बाद सातवें आसमान पर लहसुन के दाम, किचन में लगी आग

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द लीडर हिंदी : सब्जी मंडी में इनदिनों आग लगी है. प्याज टमाटक के बाद अब लहसुन ने दाम सातवें आसमान पर है. सब्जी के बढ़ते दामों की मार जनता की जेब पर पड़ रही है.लोग अब किचन में लहसुन रखने के लिये सोच रहे है.क्योकि लहसुन की कीमत में दिनोंदिन भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वही कुछ दिन पहले तक 100 से 150 रुपए किलो तक बिकने वाला लहसुन आज 450 से 500 रुपए किलो में बिक रहा है. इससे आम आदमी के घर का बजट भी बिगड़ चुका है. साथ ही किसान भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.

किसानों का मानना है कि लहसुन की पैदावार के दौरान बाजार में कीमत 10 से 50 किलो रुपए तक रहती है. कई बार तो ऐसा होता है कि किसानों को लहसुन की पैदावार के बाद भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. वही किसानों के मुताबिक, लहसुन की पैदावार इतनी है कि पिछले कुछ सालों में तो 10 रुपए के आस-पास किलो के हिसाब से लहसुन बेच रहे थे और अगले महीने नई फसल भी आ जाएगी.

बावजूद इसके लहसुन की कीमत बेलगाम है और इसका कारण कहीं न कहीं किल्लत को दर्शा कर मुनाफाखोरी करना है. किसानों ने 40 से 50 रुपए किलो की दर से व्यापारियों को लहसुन बेचा था, लेकिन अब लहसुन की कीमतें बेकाबू हो रही हैं.

अभी कुछ महीने पहले प्याज और टमाटर ने सब्जी मंडी में कयामत ढा रखी थी. और अब लहसून के भाव बढ़ गए. जानकारों का कहना है कि अगर 50 रुपए के हिसाब से भी अंदाजा लगाया जाए तो ट्रांसपोर्टेशन खर्च को जोड़ कर इसकी लागत 80 रुपए के आस-पास बैठती है, जिसे मुनाफा जोड़ कर 125 से 150 रुपए किलो तक में बिकना चाहिए, लेकिन लहसुन की हकीकत में कीमत तिगुनी होकर साढ़े चार सौ से 500 रुपए किलो तक हो गई है.

वही लहसुन व्यापारियों का कहना है कि मांग के मुताबीक लहसुन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, यही वजह है कि अभी लहसुन की बढ़ती कीमतों से न केवल खुदरा खरीदार बल्कि इसके थोक व्यापारी भी परेशान हैं. उन्हें उम्मीद है कि अगले महीने लहसुन की नई फसल आने के बाद इसमें कमी आएगी.सब्जी के उतार चढ़ाव वाले दामों से जनता काफी परेशान है.